Pages

Wednesday, October 21, 2009

लौकर्ज़ निमंत्रण सम्बन्धी एक स्पष्टीकरण

प्रिय मित्रों,

लौकर्ज़ लेख के प्रति आपके उत्त्साह को देखकर, अच्छा लगा | जीवन में उत्त्साह नहीं तो कुछ नहीं | यद्यपि मैं आपके द्वारा दिए गए ईमेल पर आमंत्रण भेज रहा हूँ; परन्तु पिचले कुछ दिनों से लौकर्ज़ पर आगंतुकों के आवागमन की अधिकता के कारण कुछ आमंत्रण अभी भी लौकर्ज़ पेटी में ही हैं | प्रतीक्षा करें , आपका निमंत्रण पत्र जल्द ही आप तक पहुंचेगा |

रोचक अवधारणाओं के लिए आपका उत्त्साह सराहनीय है | जीवन में उत्त्साह नहीं तो कुछ नहीं |

शुभेच्छु


=======================================
लौकर्ज़ लेख पढने हेतु यहाँ क्लिक करें |

1 comments:

kishore ghildiyal said...

aapka bhi dhanyavaad
http//jyotishkishore.blogspot.com