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Saturday, November 13, 2010

भारत वित्तीय शीर्ष सम्मलेन से पहले भारतीय सूचना एंव संचार प्रोद्योगिकी ढांचे पर एक दृष्टि

द्वारा बिष्ट

इस सप्ताह होने वाले भारतीय वित्तीय शीर्ष सम्मलेन से पहले, भारतीय सूचना एंव संचार प्रोद्योगिकी ढांचे पर एक दृष्टि,

डब्लू ई ऍफ़ के एक अध्ययन के अनुसार,

वर्त्तमान समय में भारतीय मोबाइल टेलिकॉम क्षेत्र में उछाल की स्थिति है, गत दो वर्षों के अंतराल में भारत में मोबाइल धारकों की संख्या 30 करोड़ से 60 करोड़ हो गयी है | यह मोटे तौर पर देश की जनसँख्या का 60 प्रतिशत है |

जहाँ भारत, चीन के बाद, विश्व का दुसरे सबसे बड़े मोबाइल टेलिकॉम बाज़ार के रूप में उभरकर आया है ; कम्प्यूटर और इन्टरनेट की पहुँच की दृष्टि से भारत अभी काफी पीछे है | वर्ष 2009 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में प्रति 100 व्यक्ति, 5.1 इन्टरनेट उपयोगकर्ता हैं | इसकी तुलना में चीन और ब्राज़ील में यह आंकड़ा 28.9 और 39.2 है |

डब्लू ई ऍफ़ के आंकलन के अनुसार , भारत, जिसकी ४२ प्रतिशत जनसँख्या अति दरिद्रता में जीवन यापन करती है ( दिन की औसत आमदनी ५८ रुपये), को अभी अपने सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ढांचे में बहुत विकास करना है | यह लोगों के जीवन स्तर को उन्नत करने के लिए आवश्यक है |

डब्लू ई ऍफ़ नेटवर्क रेडीनेस इंडेक्स में भारत को 43 वां स्थान पाने पर ( 133 देशों की सूची), चीन(37 वां) और ब्राज़ील(61 वां), डब्लू ई ऍफ़ का मानना है , की भारत के लिए "आंकड़ों और यथार्थ में बहुत अंतर है " |

भारतीय सूचना और संचार प्रौद्योगिकी क्षेत्र 50 बिलियन डालर या 2,30,000 करोड़ रुपये है |

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