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Sunday, March 29, 2009

इन्टरनेट के माध्यम से की जाने वाली एक वित्तीय जालसाजी का पीछा : भाग 1

द्वारा बिष्ट

कल मेरे पास एक ईमेल आयी | ईमेल का शीर्षक था --

Congratulations from me and members of staff of the uk national lottery board
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अनुवाद : बधाई , मेरी और मेरे यू के राष्ट्रीय लौटरी स्टाफ की ओर से |
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ईमेल में यह लिखा था :

Dear Winner,
Congratulations from me and members of staff of the uk national lottery board
Your email address has just won you for this year lottery held on 28th of
march, hence you have been awarded the sum of (1,500,000.00 pounds).
please contact our claims processing department for clearance
procedures.

Mr MURRAY

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अनुवाद:

प्रिय विजेता,
बधाई , मेरी और मेरे यू के राष्ट्रीय लौटरी स्टाफ की ओर से | आपके ईमेल एड्रेस ने अभी अभी आपको इस वर्ष 28 मार्च को हुई लौटरी जिताई है | अतः आपको 1,500,000.00 पौंड्स की राशि प्रदान की जाती है | कृपया हमारे दावे संसाधन विभाग से निकासी प्रक्रिया हेतु संपर्क करें |

श्रीमान मरे

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आप में से कई इस तरह की इमेल्स से परिचित होंगे, परन्तु जिन पाठकों को व्यस्त दिनचर्या के कारण इस ओर तरजीह देने का मौका नहीं मिला, उनको मैं बताना चाहूँगा कि यह ईमेल "इन्टरनेट के माध्यम से की जाने वाली एक वित्तीय जालसाजी का हिस्सा है " |

अन्यथा, ऐसा कैसे है कि, मेरे बिना आवेदन किये, इस मंदी से ग्रसित विश्व में, एक विकसित देश का लौटरी विभाग मुझे, एक विकासशील देश के आदमी को कम भी नहीं पर 1,500,000.00 पौंड्स या 120000000 रुपये का इनाम दे रहा है |

मैं प्रायः इस प्रकार के संदेशों को देखते ही कचरा पेटी में फेंक देता हूँ, परन्तु आज मैंने आपसे इस विषय में जानकारी बांटने की इच्छा से इस ईमेल का पीछा करने की सोची है |

अब मैं, इस इमेल में दिए गए ईमेल पते पर ईमेल करूंगा और उक्त फर्जी विभाग से पूछूंगा कि 1,500,000.00 पौंड्स या 120000000 रुपये या बारह करोड़ रुपये मात्र की इनामी राशि पाने के लिए मुझे क्या करना होगा |

मुझे लगता है कि मेरी इमेल प्राप्त करते ही , उक्त काल्पनिक विभाग में बैठा व्यक्ति मुझे धन्यवाद देगा | और मुझे वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के जरिये किसी खाते में कुछ सौ या कुछ हज़ार पौंड (आखिर इनामी राशि भी तो पंद्रह लाख पौंड है) जमा करने को कहेगा |

इस लेख को लिखने के दौरान ही मैंने उक्त विभाग को इमेल भेज दी है | अब उत्तर की प्रतीक्षा है |

इस लेख के दूसरे भाग में आप भेजी गयी इमेल का उत्तर एंव आगे की रणनीति के विषय में जानेगे |

इस लेख के विषय में अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दीजियेगा |

इससे आगे लेख भाग 2 में |


[इस लेख में भेजने वाले का नाम गुप्त रखा गया है | जिसको उपयुक्त समय पर आपको बताया जायेगा | इस लेख में उजागर की गयी इमेल लेखक के पास मौजूद है |]

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6 comments:

Anil Kumar said...

ऐसे ईमेल मुझे रोज आते हैं, और पढ़ने के अधिकार से वंचित कर मैं उन्हें कचरापेटी की शोभा बढ़ाने भेज देता हूँ। आपके प्रयोग की खबर के लिये कान खड़े रहेंगे!

Gyan Darpan said...

अब ये आपसे पूछेंगे की ड्राफ्ट कोनसे कोरियर से मंगवाना है सभी कोरियर वालों का चार्ज भी लिख कर भेजेंगे साथ ही ड्राफ्ट बनाने के लिए बैंक खर्चे के नाम पर भी कुछ पैसे मांगेगे एक बार मैंने भी आपकी तरह उनका पीछा किया था तब इसी तरह के जबाब मिले थे लेकिन मैंने लिख दिया की ये सब इनाम की राशि से काट कर बाकि मुझे भेज दे फिर इनका कोई जबाब नहीं आया |

naresh singh said...

इस प्रकार का एक इ मेल मुझे भी मिला था जिसमें लिखा था की वह एक अनाथ लड़की है जो रिफ्यूजी केम्प में रहती है उसके पास बहुत बड़ी पुश्तैनी दौलत उसके बैंक अकाउंट में है | वह मुझसे शादी करेगी और सारी दौलत मुझे सौंप देगी | लेकिन उसे वहा से आने के लिए पासपोर्ट और टिकट के लिए रुपये पैसे का बन्दों बस्त मुझे करके देना है | लेकिन मैंने उसे डीलीट कर दिया |

Mr Bisht said...

@ Anil

प्रिय अनिल,

आप एक जागरूक और सूचना क्रांति से जुड़े व्यक्ति है अतः आपके द्वारा इन दुर्भावनापूर्ण संदेशों के साथ किया गया व्यवहार, सर्वथा उपयुक्त है | और प्रत्येक इन्टरनेट उपयोगकर्त्ता को इस विषय में आपका अनुसरण करना चाहिए | किसी भी प्रकार का लोभ अपनी परिश्रम से अर्जित की गई पूँजी के साथ खिलवाड़ करना है |

भविष्य में भी अपने अनुभव हमसे बांटते रहिये |

शुभेच्छु

अ बिष्ट

Mr Bisht said...

@ Ratan Singh Shekhawat

माननीय शेखावत जी ,

टिपण्णी का जवाब लिखने में हुए विलम्भ के लिए क्षम करें |

आप का आंकलन सही था | हाल ही में लिखे इस लेख के भाग दो में आपके द्वारा गए पूर्वानुमान का उल्लेख किया गया है | आपकी जागरूकता एंव सूचना क्रांति से जुडाव के लिए आपको बहुत बहुत आभार |

इस लेख के भाग तीन के लिए आपकी कही बात को अवश्य मस्तिष्क में रखूंगा |

शुभेच्छु

अ बिष्ट

Mr Bisht said...

@ नरेश सिह राठौङ

माननीय राठोड जी ,

आपके द्वारा बताया गया अनुभव , हास्यास्पद तो लगता है , परन्तु वह सौ प्रतिशत सत्य है |

अतः किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार के उल्लेख को हल्का कर नहीं आंकना चाहिए |

आपके द्वारा संदेश के सम्बन्ध में उठाया गया कदम, हर इन्टरनेट उपयोगकर्त्ता के लिए अनुसरणीय है | ऐसे संदेशों का स्थान कचरा पेटी में ही है |

अफ्रीका इन्टरनेट के माध्यम से किये जाने वाली वित्तीय जालसाजी का केंद्र है | पश्चिमी अफ्रीका के कुछ देश जैसे नायजीरिया , इस प्रकार की जालसाजी के प्रमुख खिलाडी हैं |

भविष्य में भी अपने अनुभव हमसे बांटते रहिये |

शुभेच्छु

अ बिष्ट