द्वारा अ बिष्ट
वर्त्तमान समय में भारत में ब्रॉडबैंड की निम्न परिभाषा है:
सर्वदा सजीव रहने वाला एक ऐसा कनेक्शन जिसमे तार और बेतार कनेक्शंस के लिए गति निम्न लिखित हों:
तार (इथरनेट) ____________________ 256 किलो बिट्स प्रति सेकंड
बेतार __________________________ 144 किलो बिट्स प्रति सेकंड
परन्तु उपरोक्त दोनों ही कनेक्शंस के लिए अपलोड और डाउनलोड गति कंपनियों द्वारा किये गए दावों से मेल नहीं खाती | भारी उपयोग की घड़ियों (पीक टाइम्स) में दोनों प्रकार के कनेक्शंस के लिए वास्तविक गति निम्नलिखित हैं ::
256 किलो बिट्स प्रति सेकंड कनेक्शन पर प्राप्त असल गति :________30-40 किलो बिट्स प्रति सेकंड
144 किलो बिट्स प्रति सेकंड कनेक्शन(बेतार) पर प्राप्त असल गति: ____9-10 किलो बिट्स प्रति सेकंड
वर्त्तमान समय में भारतीय इन्टरनेट बाज़ार में आये नए उत्त्पाद क्या क्या दावे कर रहे हैं :
--टाटा टेलिसर्विसेज़ का हाल ही में आया फोटोन प्लस नामक, प्लग एंड प्ले उपकरण 3.1 मेगा बिट्स प्रति सेकंड्स तक की गति प्रदान करने का दावा करता है | यह गति वर्त्तमान में उपस्थित बेतार मोबाइल तकनीक से लगभग 20 गुना अधिक है | यह गति तुलना 144 किलो बिट्स प्रति सेकंड कनेक्शन(बेतार) से की गयी है |
--उपरोक्त कंपनी के एक अन्य उत्त्पाद , जिसका नाम पॉवर लौन्चर है -- एक तार आधारित ब्रॉडबैंड कनेक्शन है | यह उत्त्पाद 100 मेगा बिट्स प्रति सेकंड्स तक की गति प्रदान करने का दावा करता है |
--रिलायंस नेटकनेक्ट ब्रॉडबैंड प्लस, सी डी एम ऐ तकनीक पर आधारित एक बेतार ब्रॉडबैंड उत्त्पाद है | इसके द्वारा प्रदान की जाने वाली डाउनलिंक और अपलिंक गतियां क्रमशः 3.1 मेगा बिट्स प्रति सेकंड्स और 1.8 मेगा बिट्स प्रति सेकंड्स हैं |
5 comments:
सबके दावे झुंटे है , ये हिंदुस्तान है यहाँ हर कम्पनी लोगो को बेवकूफ बनाती रहती है ,मेरे पास एयर टेल का कनेक्शन है कई बार कम स्पीड की शिकायत करने पर ये लोग अपनी किसी साईट का लिंक दे देते है उस साईट पर मौजूद टूल स्पीड सही बताता है जबकि कोई दूसरी साईट का स्पीड चेक करने का टूल हकीकत बयान करता है लेकिन ये लोग उस बात को मानते नहीं और टरकाने वाला जबाब दे चुप हो जाते है |
इसी संदर्भ में एक लेख
BSNL ब्राडबैंड उपभोक्ताओं से धोखा।
@ शेखावत जी
आपका रोष समझा जा सकता है | क्योंकि अन्य उत्त्पादों की ही तरह भारतीय ब्रॉडबैंड बाज़ार में भी कई विसंगतियां हैं | जिनकी ओर समय समय पर ट्राई, भारतीय टेलिकॉम नियामक, सेवा प्रदान कर्त्ताओं का ध्यान आकृष्ट करता रहता है | मसलन आज के लेख को ही लीजिये, ब्रॉडबैंड उद्योग से सम्बंधित लोग भी कथनी एंव करनी के अंतर को मानते हैं |
आपकी बात से यह स्पष्ट होता है,कि आपको मिल रही सेवा में कहीं त्रुटि अवश्य रही है | यह त्रुटि सेवा में पारदर्शिता की कमी, अतः वायदा की गई सेवा एंव प्रदान की गई सेवा में अंतर भी हो सकती है; और सेवा प्रदान कर्त्ता का आपके महत्त्वपूर्ण प्रश्नों का प्रभावी रूप से उत्तर दे पाने में विफलता भी हो सकती है |
त्रुटि कोई भी हो , गलती सेवा प्रदान कर्त्ता कि ही है | आपक रोष गलत नहीं है |
यदि आप चाहें, तो सेवा कर्त्ता बदल सकते हैं | सेवा या उत्पाद से संतुष्ट न होने पर, उस सेवा या उत्त्पाद को त्याग पाने की शक्ति ही , एक उपभोक्ता की सबसे बड़ी शक्ति है |
@ हमारा रतलाम
आपका लेख पढ़ा,अच्छा लगा | उसमें आपने कुछ अत्यंत महत्त्वपूर्ण एंव मौलिक प्रश्नों को उठाया है |
मुझे लगता है, कि लेख के कुछ बिन्दुओं पर एक सकारात्मक चर्चा हो सकती है |
@ मयूर
आपका लेख हमारे ही नहीं, अन्य पाठकों के लिए भी उपयोगी है |
लेख अच्छा लगा |
धन्यवाद |
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