द्वारा अ बिष्ट
एक सर्वेक्षण के अनुसार आईटी / आईटीईएस के कर्मचारियों प्रभावी रूप से अपनी वित्तीय योजना नहीं बना रहे हैं:
सेम्पल: 1,169
सर्वेक्षण में भाग लेने वाले व्यक्तियों का आयु समूह: 22-55
स्थान जहां सर्वेक्षण आयोजित किया गया: बैंगलोर, चेन्नई और हैदराबाद
सर्वेक्षण के परिणाम:
* 100 में से 36 व्यक्तियों (हैदराबाद में) के पास किसी भी प्रकार का जीवन बीमा नहीं है ।
*100 में से केवल 30 ने किसी भी प्रकार का मेडिकल बीमा किया है ।
* 18 प्रतिशत का मेडिकल बीमा उनके नियोक्ताओं(इम्प्लायर) द्वारा प्रदान किया गया है ।
[अर्थात केवल 100 में से 12 व्यक्ति ही स्वैच्छिक मेडिकल बीमा कवर के लिए जा रहे हैं ।]
* धारा 80C के अंतर्गत निवेश निवेशकों को कर में छूट दिलाता है, तथा निवेश की अधिकतम सीमा रु एक लाख है ;
60 प्रतिशत उत्तरदाता 1 लाख रु की इस सीमा का पूरी तरह से लाभ नहीं उठाते हैं । कुछ बचाने के बजाय, उन्होंने कर का भुगतान करना अधिक उचित समझा ।
* 11 प्रतिशत (हैदराबाद में) उत्तरदाता अभी भी मात्र भविष्य निधि (PF) निवेश के भरोसे बैठे हैं और अन्य निवेश योजनाओं के प्रति उदासीन हैं ।
* मात्र 18% के निवेश पोर्टफोलियो में घर ऋण मौजूद है ।
**उक्त सर्वेक्षण के परिणामों का सार यह निकलता है कि आईटी / आईटीईएस कर्मचारी अब भी कर योजना बनाने की दिशा में कोई कोशिश नहीं कर रहे हैं, क्योंकि अधिकांश कंपनियों में भविष्य निधि (PF) निवेश अनिवार्य है ।
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