द्वारा अ बिष्ट
आई डी सी के पूर्वानुमान के अनुसार; आर्थिक मंदी के चलते 2009 में वैश्विक आई टी खर्च की बढ़त मात्र 0.5 प्रतिशत रहेगी |
पहले, नवम्बर 2008, में यह अनुमान 2.6 प्रतिशत था |
वैश्विक हार्डवेयर बाज़ार के सर्वाधिक प्रभावित होने की आशंका है |
आप पर्सनल कंप्यूटर के दामों में अगले 12 महीनों में और कमी देखेंगे |
Thursday, February 26, 2009
Monday, February 23, 2009
भारत में सर्वाधिक लोकप्रिय सामाजिक नेट्वर्किंग साइट्स
द्वारा अ बिष्ट
यूनिक विसिटर्स की कुल संख्या के आधार पर भारत में सर्वाधिक लोकप्रिय दस सामाजिक नेट्वर्किंग साइट्स:(आंकड़े दिसम्बर 2008 के )
1. ऑरकुट_______________________1 करोड़ 28 लाख
2. फेसबुक_______________________40 लाख
3. भारत स्टुडेंट____________________32 लाख
4. हाई 5________________________20 लाख
5. आइबिबो______________________9 लाख 90 हज़ार
6. माय स्पेस_____________________7 लाख 50 हज़ार
7. लिंक्ड इन_____________________5 लाख 10 हज़ार
8. पर्फ़ स्पॉट_____________________4 लाख 30 हज़ार
9. बिग अड्डा____________________ 3 लाख 80 हज़ार
10. फ्रोपर______________________ 2 लाख 40 हज़ार
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यूनिक विसिटर्स की कुल संख्या के आधार पर भारत में सर्वाधिक लोकप्रिय दस सामाजिक नेट्वर्किंग साइट्स:(आंकड़े दिसम्बर 2008 के )
1. ऑरकुट_______________________1 करोड़ 28 लाख
2. फेसबुक_______________________40 लाख
3. भारत स्टुडेंट____________________32 लाख
4. हाई 5________________________20 लाख
5. आइबिबो______________________9 लाख 90 हज़ार
6. माय स्पेस_____________________7 लाख 50 हज़ार
7. लिंक्ड इन_____________________5 लाख 10 हज़ार
8. पर्फ़ स्पॉट_____________________4 लाख 30 हज़ार
9. बिग अड्डा____________________ 3 लाख 80 हज़ार
10. फ्रोपर______________________ 2 लाख 40 हज़ार
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Friday, February 20, 2009
विभिन्न मोबाइल ब्रांडों के लिए एक चार्ज़र व्यवस्था
द्वारा अ बिष्ट
कई जागरूक मोबाइल उपभोक्ताओं की ही तरह आप भी अकसर सोचते होंगे, कि हर मोबाइल ब्रांड के लिए उस ही ब्रांड का चार्ज़र न केवल आपकी चार्जिंग समस्या को बढाता है अपितु पर्यावरण को भी नुक्सान पहुंचाता है |
आपका सोचना सही है |
जहाँ ब्रांड निर्भर चार्ज़र, चार्ज़र के अभाव में उपयोगकर्त्ता के लिए एक सिरदर्द से कम नहीं, वहीं "एक ब्रांड एक चार्ज़र" व्यवस्था, पृथ्वी पर निरंतर बढ़ते टेक कचरे को और अधिक बढाती है |
ऐसा नहीं है कि इन विसंगतियों का आभास मोबाइल निर्माताओं को नहीं है | परन्तु "विभिन्न मोबाइल ब्रांडों के लिए एक चार्ज़र व्यवस्था" को न लागू कर पाने के पीछे उद्योग कि कुछ मूर्त समस्यायें और स्वहित हैं | जो इस प्रकार हैं:
--कुछ मोबाइल निर्माताओं के पास चार्जिंग की उच्च एंव नवीन प्रोद्योगिकी है | यद्यपि ये निर्माता चार्जिंग उपकरण की बिक्री से मुनाफा नहीं कमाना चाहते; परन्तु वे किसी तीसरे व्यक्ति को अपनी उन्नत चार्जिंग प्रोद्योगिकी से मुनाफा भी नहीं कमाने देना चाहते | एप्पल इसका उत्तम उदहारण है |
--विभिन्न ब्रांड्स के लिए एक अडाप्टर(चार्ज़र) इस लिए भी मुश्किल है, क्योंकि चार्ज़र निर्माण अधिकाँश निर्माताओं के लिए एक मुनाफे की क्रिया है |
उपरोक्त लिखित कारणों के बावजूद, इस दिशा में कुछ पहल अवश्य हो रही हैं |
मोबाइल संचार उद्योग के हितों का प्रसार करने वाले संगठन, जी एस एम ए, ने बीते मंगलवार को यह घोषणा की है की "वर्ष 2012 तक सभी नए मोबाइल फोनों के लिए एक सार्वभौम चार्ज़र का मानक लागू कर दिया जाएगा" |
यह सराहनीय है की अब तक 17 निर्मात्ता इस पहल से जुड़ चुके हैं | जुड़ने वालों में प्रमुख नाम हैं -- एल जी, मोटोरोला, नोकिया, और सैमसंग |
पहल से बाहर रहने वाले प्रमुख नाम हैं -- एप्पल और रिसर्च इन मोशन |
एक जागरूक उपभोक्ता और एक जागरूक पृथ्वी वासी होने के नाते इस पहल को बहुत बहुत साधुवाद |
"एक जागरूक उपभोक्ता और एक जागरूक पृथ्वी वासी होने के नाते आपके वर्त्तमान व्यवस्था के विषय में क्या विचार हैं | विभिन्न ब्रांडों के लिए एक सार्वभोम चार्ज़र अवधारणा को बाधित करने वाले अन्य कौन से कारण हो सकते हैं और क्या इस पहल से भी सार्थक कोई अन्य पहल हो सकती है |"
आइये टेक पत्रिका कम्युनिटी पर इस विषय में जीवंत चर्चा करें |
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ऑनलाइन सर्वेक्षणों में अपनी राय व्यक्त कीजिये
कई जागरूक मोबाइल उपभोक्ताओं की ही तरह आप भी अकसर सोचते होंगे, कि हर मोबाइल ब्रांड के लिए उस ही ब्रांड का चार्ज़र न केवल आपकी चार्जिंग समस्या को बढाता है अपितु पर्यावरण को भी नुक्सान पहुंचाता है |
आपका सोचना सही है |
जहाँ ब्रांड निर्भर चार्ज़र, चार्ज़र के अभाव में उपयोगकर्त्ता के लिए एक सिरदर्द से कम नहीं, वहीं "एक ब्रांड एक चार्ज़र" व्यवस्था, पृथ्वी पर निरंतर बढ़ते टेक कचरे को और अधिक बढाती है |
ऐसा नहीं है कि इन विसंगतियों का आभास मोबाइल निर्माताओं को नहीं है | परन्तु "विभिन्न मोबाइल ब्रांडों के लिए एक चार्ज़र व्यवस्था" को न लागू कर पाने के पीछे उद्योग कि कुछ मूर्त समस्यायें और स्वहित हैं | जो इस प्रकार हैं:
--कुछ मोबाइल निर्माताओं के पास चार्जिंग की उच्च एंव नवीन प्रोद्योगिकी है | यद्यपि ये निर्माता चार्जिंग उपकरण की बिक्री से मुनाफा नहीं कमाना चाहते; परन्तु वे किसी तीसरे व्यक्ति को अपनी उन्नत चार्जिंग प्रोद्योगिकी से मुनाफा भी नहीं कमाने देना चाहते | एप्पल इसका उत्तम उदहारण है |
--विभिन्न ब्रांड्स के लिए एक अडाप्टर(चार्ज़र) इस लिए भी मुश्किल है, क्योंकि चार्ज़र निर्माण अधिकाँश निर्माताओं के लिए एक मुनाफे की क्रिया है |
उपरोक्त लिखित कारणों के बावजूद, इस दिशा में कुछ पहल अवश्य हो रही हैं |
मोबाइल संचार उद्योग के हितों का प्रसार करने वाले संगठन, जी एस एम ए, ने बीते मंगलवार को यह घोषणा की है की "वर्ष 2012 तक सभी नए मोबाइल फोनों के लिए एक सार्वभौम चार्ज़र का मानक लागू कर दिया जाएगा" |
यह सराहनीय है की अब तक 17 निर्मात्ता इस पहल से जुड़ चुके हैं | जुड़ने वालों में प्रमुख नाम हैं -- एल जी, मोटोरोला, नोकिया, और सैमसंग |
पहल से बाहर रहने वाले प्रमुख नाम हैं -- एप्पल और रिसर्च इन मोशन |
एक जागरूक उपभोक्ता और एक जागरूक पृथ्वी वासी होने के नाते इस पहल को बहुत बहुत साधुवाद |
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"एक जागरूक उपभोक्ता और एक जागरूक पृथ्वी वासी होने के नाते आपके वर्त्तमान व्यवस्था के विषय में क्या विचार हैं | विभिन्न ब्रांडों के लिए एक सार्वभोम चार्ज़र अवधारणा को बाधित करने वाले अन्य कौन से कारण हो सकते हैं और क्या इस पहल से भी सार्थक कोई अन्य पहल हो सकती है |"
आइये टेक पत्रिका कम्युनिटी पर इस विषय में जीवंत चर्चा करें |
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Wednesday, February 18, 2009
अगर आपकी आजीविका मंदी से प्रभावित नहीं है तो आपके लिए यह टेक खरीदारी की दृष्टि से उपयुक्त समय है
द्वारा अ बिष्ट
अंग्रेजी का एक सिद्धांत है, "बैंड वेगन इफेक्ट", हिन्दी भाषा में इसके लिए समानार्थक सिद्धांत है, "भेड़चाल" | सरल भाषा में यह एक ऐसी मनः स्थिति होती है जिसमे व्यक्ति की सोच इस प्रकार कार्य करती है, "अगर सब यह कर रहे है या कह रहे हैं, तो मैं भी क्यों न ऐसा ही करूँ या कहूं " | अंग्रेजी में इस सोच को बैंड वेगन इफेक्ट इसलिए कहते हैं क्योंकि "बैंड वेगन" एक ऐसी गाड़ी होती है जिसमे संगीत मंडली चलती है | क्योंकि यह गाड़ी काफी सजी धजी होती है इसलिए जहाँ से गुजरती है, लोग पीछे चलने लगते हैं | ठीक इसी तरह का व्यवहार भेड़ें भी करती हैं, जिस दिशा में भेड़ समूह की अग्रणी भेड़ चलती हैं, और भेड़ें भी उसके पीछे चलने लगती है |
आज का लेख इस सिद्धांत से शुरू करने का कारण, आज के लेख का विषय है |
लेख का विषय: अगर आपकी आजीविका मंदी से प्रभावित नहीं है तो आपके लिए यह टेक खरीदारी की दृष्टि से उपयुक्त समय है |
पहले लेख का आधार |
विश्व के अग्रणी चिप निर्माता - इंटेल और ए एम डी(AMD)- के आंकलन के अनुसार 31 दिसम्बर 2008 को ख़त्म हुई तिमाही में पर्सनल कंप्यूटर की बिक्री में 40 प्रतिशत की कमी आई |
उद्योग संगठन आई टी निर्माता असोसिएशन (MAIT) और आई डी सी(IDC) ने इस गिरावट को पिछले पाँच वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट कहा है |
भारत में अक्टूबर-नवम्बर का समय उत्सवों का होता है | इस दौरान सभी टेक उत्पादों कि बिक्री में उछाल आता है | परन्तु वर्ष 2008 के अक्टूबर-नवम्बर माह में टेक बाजार बिक्री कि दृष्टि से मंदा ही रहा |
कुछ समय पूर्व, टेक पत्रिका पर ही छपे एक लेख में यह बताया गया था की कंप्यूटर बिक्री की दृष्टि से कंप्यूटर निर्माताओं के लिए यह वर्ष मंदा ही है |
बिक्री में इस गिरावट का कारण वैश्विक मंदी (जिसका प्रभाव अब भारत में भी दिखने लगा है) होने के साथ ही, "बैंड वेगन इफेक्ट" या "भेड़ चाल" का सिद्धांत भी है | |
क्यों ? ... क्योंकि,... यद्यपि मंदी से हर व्यक्ति किसी न किसी तरह प्रभावित अवश्य होता है, परन्तु इसका प्रभाव सब पर समान नहीं होता | कुछ रोजगार इससे अधिक प्रभावित होते हैं कुछ कम और कुछ मंदी उदासीन होते हैं |
सरकारी, शिक्षा, रक्षा आदि कुछ ऐसे ही मंदी उदासीन( आपकी आजीविका पर मंदी का सीधा प्रभाव नहीं पड़ता ) रोजगार हैं |
परन्तु "बैंड वेगन इफेक्ट" के कारण हो यह रहा है, कि वे व्यक्ति जिनके रोजगार मंदी उदासीन हैं, वे भी मंदी मानसिकता में जी रहे हैं और टेक उत्त्पाद खरीदने से परहेज कर रहे हैं |
क्योंकि मंदी के दौरान टेक उत्त्पादों की मांग में कमी आती है फलस्वरूप उनके दाम भी घटते हैं, अतः "मंदी उदासीन रोजगार" वाले व्यक्तियों का यह परहेज़ उचित नहीं |
अतः यदि आप का रोजगार भी मंदी उदासीन ( आपकी आजीविका पर मंदी का सीधा प्रभाव नहीं पड़ता ) है , तो टेक उत्त्पाद खरीदने हेतु अगला डेढ़ साल एक अच्छा समय है |
वर्त्तमान समय में आप, टेक उत्त्पदों के साथ मुफ्त वस्तुएं पा रहे है, जो अगले कुछ माह में उत्त्पाद मूल्यों में गिरावट के रूप में परिवर्तित हो जायेगी | इसके अतिरिक्त, यह समय अपनी ब्रांडेड टेक खरीद पर अधिक से अधिक मुफ्त वस्तुएं लेने और मोल भाव करने का भी है |
मंदी है यह सही है, पर "भेडचाल" या "बैंड वेगन इफेक्ट" का बिना सोचे समझे पालन करना भी ठीक नहीं |
[***यदि आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया ऑरकुट पर टेक 24 आर्स कम्युनिटी को जोइन करें | इसे एक आवश्यक क्रिया माने क्योंकि इससे टेक पत्रिका को आपकी रूचि का वास्तविक ज्ञान होगा | ]
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अंग्रेजी का एक सिद्धांत है, "बैंड वेगन इफेक्ट", हिन्दी भाषा में इसके लिए समानार्थक सिद्धांत है, "भेड़चाल" | सरल भाषा में यह एक ऐसी मनः स्थिति होती है जिसमे व्यक्ति की सोच इस प्रकार कार्य करती है, "अगर सब यह कर रहे है या कह रहे हैं, तो मैं भी क्यों न ऐसा ही करूँ या कहूं " | अंग्रेजी में इस सोच को बैंड वेगन इफेक्ट इसलिए कहते हैं क्योंकि "बैंड वेगन" एक ऐसी गाड़ी होती है जिसमे संगीत मंडली चलती है | क्योंकि यह गाड़ी काफी सजी धजी होती है इसलिए जहाँ से गुजरती है, लोग पीछे चलने लगते हैं | ठीक इसी तरह का व्यवहार भेड़ें भी करती हैं, जिस दिशा में भेड़ समूह की अग्रणी भेड़ चलती हैं, और भेड़ें भी उसके पीछे चलने लगती है |
आज का लेख इस सिद्धांत से शुरू करने का कारण, आज के लेख का विषय है |
लेख का विषय: अगर आपकी आजीविका मंदी से प्रभावित नहीं है तो आपके लिए यह टेक खरीदारी की दृष्टि से उपयुक्त समय है |
पहले लेख का आधार |
विश्व के अग्रणी चिप निर्माता - इंटेल और ए एम डी(AMD)- के आंकलन के अनुसार 31 दिसम्बर 2008 को ख़त्म हुई तिमाही में पर्सनल कंप्यूटर की बिक्री में 40 प्रतिशत की कमी आई |
उद्योग संगठन आई टी निर्माता असोसिएशन (MAIT) और आई डी सी(IDC) ने इस गिरावट को पिछले पाँच वर्षों की सबसे बड़ी गिरावट कहा है |
भारत में अक्टूबर-नवम्बर का समय उत्सवों का होता है | इस दौरान सभी टेक उत्पादों कि बिक्री में उछाल आता है | परन्तु वर्ष 2008 के अक्टूबर-नवम्बर माह में टेक बाजार बिक्री कि दृष्टि से मंदा ही रहा |
कुछ समय पूर्व, टेक पत्रिका पर ही छपे एक लेख में यह बताया गया था की कंप्यूटर बिक्री की दृष्टि से कंप्यूटर निर्माताओं के लिए यह वर्ष मंदा ही है |
बिक्री में इस गिरावट का कारण वैश्विक मंदी (जिसका प्रभाव अब भारत में भी दिखने लगा है) होने के साथ ही, "बैंड वेगन इफेक्ट" या "भेड़ चाल" का सिद्धांत भी है | |
क्यों ? ... क्योंकि,... यद्यपि मंदी से हर व्यक्ति किसी न किसी तरह प्रभावित अवश्य होता है, परन्तु इसका प्रभाव सब पर समान नहीं होता | कुछ रोजगार इससे अधिक प्रभावित होते हैं कुछ कम और कुछ मंदी उदासीन होते हैं |
सरकारी, शिक्षा, रक्षा आदि कुछ ऐसे ही मंदी उदासीन( आपकी आजीविका पर मंदी का सीधा प्रभाव नहीं पड़ता ) रोजगार हैं |
परन्तु "बैंड वेगन इफेक्ट" के कारण हो यह रहा है, कि वे व्यक्ति जिनके रोजगार मंदी उदासीन हैं, वे भी मंदी मानसिकता में जी रहे हैं और टेक उत्त्पाद खरीदने से परहेज कर रहे हैं |
क्योंकि मंदी के दौरान टेक उत्त्पादों की मांग में कमी आती है फलस्वरूप उनके दाम भी घटते हैं, अतः "मंदी उदासीन रोजगार" वाले व्यक्तियों का यह परहेज़ उचित नहीं |
अतः यदि आप का रोजगार भी मंदी उदासीन ( आपकी आजीविका पर मंदी का सीधा प्रभाव नहीं पड़ता ) है , तो टेक उत्त्पाद खरीदने हेतु अगला डेढ़ साल एक अच्छा समय है |
वर्त्तमान समय में आप, टेक उत्त्पदों के साथ मुफ्त वस्तुएं पा रहे है, जो अगले कुछ माह में उत्त्पाद मूल्यों में गिरावट के रूप में परिवर्तित हो जायेगी | इसके अतिरिक्त, यह समय अपनी ब्रांडेड टेक खरीद पर अधिक से अधिक मुफ्त वस्तुएं लेने और मोल भाव करने का भी है |
मंदी है यह सही है, पर "भेडचाल" या "बैंड वेगन इफेक्ट" का बिना सोचे समझे पालन करना भी ठीक नहीं |
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[***यदि आपको यह लेख अच्छा लगा, तो कृपया ऑरकुट पर टेक 24 आर्स कम्युनिटी को जोइन करें | इसे एक आवश्यक क्रिया माने क्योंकि इससे टेक पत्रिका को आपकी रूचि का वास्तविक ज्ञान होगा | ]
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भारतीय टेलिकॉम बाज़ार विश्व का सबसे तेजी से बढ़ता बाजार
द्वारा अ बिष्ट
एक अंग्रेज़ी समाचार पत्र की एक ख़बर के अनुसार, भारतीय टेलिकॉम बाज़ार विश्व का सबसे तेजी से बढ़ता बाजार
है |
देश में जनवरी माह में जोड़े गए कुल नए धारक:_________________________एक करोड़ से अधिक
पिछले कुछ समय से टेलिकॉम कंपनियां लगभग एक करोड़ नए धारक हर माह जोड़ रही हैं |
यद्यपि भारतीय टेलिकॉम बाज़ार तेज़ी से बढ़ रहा है परन्तु सेवा की गुणवत्ता में कमी आई है |
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Telecom Service provider Market
एक अंग्रेज़ी समाचार पत्र की एक ख़बर के अनुसार, भारतीय टेलिकॉम बाज़ार विश्व का सबसे तेजी से बढ़ता बाजार
है |
देश में जनवरी माह में जोड़े गए कुल नए धारक:_________________________एक करोड़ से अधिक
पिछले कुछ समय से टेलिकॉम कंपनियां लगभग एक करोड़ नए धारक हर माह जोड़ रही हैं |
यद्यपि भारतीय टेलिकॉम बाज़ार तेज़ी से बढ़ रहा है परन्तु सेवा की गुणवत्ता में कमी आई है |
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Telecom Service provider Market
Monday, February 16, 2009
कितने सफल हैं मोबाइल पर ऑनलाइन विज्ञापन
द्वारा अ बिष्ट
नोकिया-टी एन एस इंडिया के एक अध्ययन के अनुसार,
प्रत्येक 100 में से अठारह मोबाइल वेब उपयोगकर्त्ता (सर्फर्स), किसी मोबाइल बेनर विज्ञापन पर गौर करते हैं |
इन अठारह में से लगभग दस उपयोगकर्त्ता ऐसे होते हैं , जो विज्ञापन पर दी गयी साईट को देखने हेतु बेनर पर क्लिक करते हैं |
इस प्रकार भारत में मोबाइल पर आने वाले विज्ञापनों की क्लिक-थ्रू-दर हुई 10 प्रतिशत |
अधिकाँश स्थितियों में, 2 प्रतिशत की क्लिक-थ्रू-दर को सफल माना जाता है |
रोचक तथ्य:
देश में कुल मोबाइल धारकों की संख्या: ____________35 करोड़
उपरोक्त संख्या में से, ऐसे धारकों की संख्या जो इन्टरनेट प्रयोग करने हेतु अपने मोबाइल का प्रयोग करते हैं:_____4.9 करोड़ (14%)
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web on mobile, CTR, marketing
नोकिया-टी एन एस इंडिया के एक अध्ययन के अनुसार,
प्रत्येक 100 में से अठारह मोबाइल वेब उपयोगकर्त्ता (सर्फर्स), किसी मोबाइल बेनर विज्ञापन पर गौर करते हैं |
इन अठारह में से लगभग दस उपयोगकर्त्ता ऐसे होते हैं , जो विज्ञापन पर दी गयी साईट को देखने हेतु बेनर पर क्लिक करते हैं |
इस प्रकार भारत में मोबाइल पर आने वाले विज्ञापनों की क्लिक-थ्रू-दर हुई 10 प्रतिशत |
अधिकाँश स्थितियों में, 2 प्रतिशत की क्लिक-थ्रू-दर को सफल माना जाता है |
रोचक तथ्य:
देश में कुल मोबाइल धारकों की संख्या: ____________35 करोड़
उपरोक्त संख्या में से, ऐसे धारकों की संख्या जो इन्टरनेट प्रयोग करने हेतु अपने मोबाइल का प्रयोग करते हैं:_____4.9 करोड़ (14%)
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web on mobile, CTR, marketing
Saturday, February 14, 2009
भारत के आई टी/ आई टी इनेबल्ड सर्विसेज़ का कुल आकार
द्वारा अ बिष्ट
इन्फोसिस चीफ नारायण मूर्ति के अनुसार,
भारत के आई टी/ आई टी इनेबल्ड सर्विसेज़ का कुल आकार: ________ 60 बिलियन अमरीकी डॉलर या रुपये 24000 करोड़
उद्योग द्वारा प्रदान किए गए कुल रोजगार अवसर:
प्रत्यक्ष: ________________________________ 2.5 लाख
अप्रत्यक्ष: _______________________________3 लाख
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इन्फोसिस चीफ नारायण मूर्ति के अनुसार,
भारत के आई टी/ आई टी इनेबल्ड सर्विसेज़ का कुल आकार: ________ 60 बिलियन अमरीकी डॉलर या रुपये 24000 करोड़
उद्योग द्वारा प्रदान किए गए कुल रोजगार अवसर:
प्रत्यक्ष: ________________________________ 2.5 लाख
अप्रत्यक्ष: _______________________________3 लाख
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नेट पर एक मज़बूत पासवर्ड कैसे चुनें
द्वारा अ बिष्ट
यदि आप नेट पर नियमित रूप से उपस्थिति दर्ज करते हैं, तो इस बात की प्रायिकता बहुत अधित है की आप प्रतिदिन औसतन एक नयी साईट या सेवा पर पंजीकरण कर रहे होंगे |
इस पंजीकरण का एक मत्त्वपूर्ण भाग एक मजबूत पासवर्ड चुनना है | बीते कुछ वर्षों में नेट पर दुर्भावना पूर्ण कूटों (मालवेयर कोड्स) की भरमार हो गयी है, जो मालवेयर प्रोग्राम्स(वर्म्स इत्यादि) के माध्यम से नेट पर मौजूद असंख्य कम्प्यूटर्स को न केवल संक्रमित करते हैं अपितु कम्प्यूटर्स के नेटवर्क्स के बीच आराम से विचरते रहते है |
इस तरह के संक्रमण का सामान्य नेट उपयोगकर्त्ता के दृष्टिकोण से सबसे बड़ा नुक्सान, उसके अपने कंप्यूटर एंव उसके कई नेट खातों में मौजूद व्यक्तिगत, आर्थिक एंव व्यावसायिक डेटा की चोरी होना है |
स्थिति की गंभीरता का पता इस बात से लगता है की वर्त्तमान समय में ऐसे दुर्भावनापूर्ण प्रोग्राम्स मौजूद हैं जो पासवर्ड्स और यूज़र नेम्स का सटीक अनुमान लगाने में सक्षम हैं | ऐसा वे किसी पासवर्ड या यूज़र नेम के हर सम्भव संयोजन बनाकर भी कर सकते हैं|
अतः इस तरह की स्थिति से बचने का एक प्रभावी तरीका एक मजबूत पासवर्ड का चुनाव है | एक मज़बूत पासवर्ड बनाने के लिए निम्नलिखित सुझाओं का पालन करें:
-- पासवर्ड में संख्याओं को मिलाएं
-- विराम चिह्नों का प्रयोग करें
-- बीच-बीच में वर्णमाला के बड़े अक्षरों (अपर-केस एल्फाबेट्स) का प्रयोग करें |
-- सबसे महत्त्वपूर्ण, क्योंकि हिन्दी अभी भी नेट पर एक नयी भाषा है, अतः पासवर्ड्स के लिए हिन्दी के शब्दों का प्रयोग करना भी एक उत्तम युक्ति है |
उदाहरण के लिए, कोई राम नाम का लड़का, जो १९८५ में जन्मा हो और अपने को माडर्न मनाता हो,
ऐसा पासवर्ड बना सकता है:
नेट पर कोई भी व्यक्ति जो सजग नहीं है, सुरक्षित नहीं है | अतः अपनी सजगता बढाएं और सुरक्षित रहें |
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यदि आप नेट पर नियमित रूप से उपस्थिति दर्ज करते हैं, तो इस बात की प्रायिकता बहुत अधित है की आप प्रतिदिन औसतन एक नयी साईट या सेवा पर पंजीकरण कर रहे होंगे |
इस पंजीकरण का एक मत्त्वपूर्ण भाग एक मजबूत पासवर्ड चुनना है | बीते कुछ वर्षों में नेट पर दुर्भावना पूर्ण कूटों (मालवेयर कोड्स) की भरमार हो गयी है, जो मालवेयर प्रोग्राम्स(वर्म्स इत्यादि) के माध्यम से नेट पर मौजूद असंख्य कम्प्यूटर्स को न केवल संक्रमित करते हैं अपितु कम्प्यूटर्स के नेटवर्क्स के बीच आराम से विचरते रहते है |
इस तरह के संक्रमण का सामान्य नेट उपयोगकर्त्ता के दृष्टिकोण से सबसे बड़ा नुक्सान, उसके अपने कंप्यूटर एंव उसके कई नेट खातों में मौजूद व्यक्तिगत, आर्थिक एंव व्यावसायिक डेटा की चोरी होना है |
स्थिति की गंभीरता का पता इस बात से लगता है की वर्त्तमान समय में ऐसे दुर्भावनापूर्ण प्रोग्राम्स मौजूद हैं जो पासवर्ड्स और यूज़र नेम्स का सटीक अनुमान लगाने में सक्षम हैं | ऐसा वे किसी पासवर्ड या यूज़र नेम के हर सम्भव संयोजन बनाकर भी कर सकते हैं|
अतः इस तरह की स्थिति से बचने का एक प्रभावी तरीका एक मजबूत पासवर्ड का चुनाव है | एक मज़बूत पासवर्ड बनाने के लिए निम्नलिखित सुझाओं का पालन करें:
-- पासवर्ड में संख्याओं को मिलाएं
-- विराम चिह्नों का प्रयोग करें
-- बीच-बीच में वर्णमाला के बड़े अक्षरों (अपर-केस एल्फाबेट्स) का प्रयोग करें |
-- सबसे महत्त्वपूर्ण, क्योंकि हिन्दी अभी भी नेट पर एक नयी भाषा है, अतः पासवर्ड्स के लिए हिन्दी के शब्दों का प्रयोग करना भी एक उत्तम युक्ति है |
उदाहरण के लिए, कोई राम नाम का लड़का, जो १९८५ में जन्मा हो और अपने को माडर्न मनाता हो,
ऐसा पासवर्ड बना सकता है:
Adhunik1985 Ram
ऐसा नहीं है की केवल महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों के व्यक्तिगत, आर्थिक या व्यावसायिक डेटा की ही चोरी होती है; डेटा चोरी तो एक सामान्य नेट उपयोगकर्त्ता की भी होती है, परन्तु क्योंकि वह लोकप्रिय नहीं होता अतः जाने माने लोगों की भांति उसका डेटा , चोरी होने के कुछ ही घंटों के अंतराल में सम्पूर्ण विश्व में प्रसारित नहीं होता |नेट पर कोई भी व्यक्ति जो सजग नहीं है, सुरक्षित नहीं है | अतः अपनी सजगता बढाएं और सुरक्षित रहें |
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Wednesday, February 11, 2009
वैश्विक नेट बुक बाजार
द्वारा अ बिष्ट
गार्टनर के एक आंकलन, के अनुसार, वर्ष 2008 की चौथी तिमाही में नेटबुकों की वश्विक बिक्री से सम्बंधित संख्याएँ:
वर्ष 2008 की चौथी तिमाही में बेची गई कुल नेटबुकों की संख्या:________________7.8 करोड़
उपरोक्त संख्या उस अवधि के दौरान बेचे गए कुल पर्सनल कंप्यूटर्स की मात्र 5 प्रतिशत है |
इस अवधि के दौरान विश्व में बेचे गए कुल पर्सनल कंप्यूटर्स(नेट बुक्स भी सम्मिलित) की संख्या:________156 करोड़
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netbooks, PC, market
गार्टनर के एक आंकलन, के अनुसार, वर्ष 2008 की चौथी तिमाही में नेटबुकों की वश्विक बिक्री से सम्बंधित संख्याएँ:
वर्ष 2008 की चौथी तिमाही में बेची गई कुल नेटबुकों की संख्या:________________7.8 करोड़
उपरोक्त संख्या उस अवधि के दौरान बेचे गए कुल पर्सनल कंप्यूटर्स की मात्र 5 प्रतिशत है |
इस अवधि के दौरान विश्व में बेचे गए कुल पर्सनल कंप्यूटर्स(नेट बुक्स भी सम्मिलित) की संख्या:________156 करोड़
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netbooks, PC, market
Labels:
नेट बुक,
पर्सनल कम्प्यूटर,
बाज़ार
कितना बड़ा है सालाना वश्विक सेल फ़ोन बाज़ार
द्वारा अ बिष्ट
एक ख़बर, के अनुसार जिसने एक शोध को आधार बनाया है,
विश्व में प्रति वर्ष बिकने वाले कुल सेल फोन्स की संख्या: _______120 करोड़
उपरोक्त संख्या में स्मार्ट फोन्स की हिस्सेदारी:_______________17 प्रतिशत या 20 करोड़
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Cellphones, Smartphones, market
एक ख़बर, के अनुसार जिसने एक शोध को आधार बनाया है,
विश्व में प्रति वर्ष बिकने वाले कुल सेल फोन्स की संख्या: _______120 करोड़
उपरोक्त संख्या में स्मार्ट फोन्स की हिस्सेदारी:_______________17 प्रतिशत या 20 करोड़
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Cellphones, Smartphones, market
Sunday, February 8, 2009
आई टी-बी पी ओ शहरों में बंगलोर प्रथान स्थान पर
द्वारा अ बिष्ट
नैसकॉम-ए टी कीअरने के एक अध्ययन , के अनुसार, बंगलोर ने आई टी- बी पी ओ से सम्बंधित 50 भारतीय शहरों की सूची में प्रथम स्थान प्राप्त किया है |
मंगलोर इस सूची में दूसरे स्थान पर है |
हुबली-धारवाड़ को भविष्य के एक मजबूत आई टी-बी पी ओ शहर के रूप में चिन्हित किया गया है |
उद्योग के जानकारों के अनुसार:
--बंगलोर भविष्य में भी बढ़ता और अच्छा कार्य करता रहेगा |
-- तेजी से उभरते टियर II और III शहर आकर्षक क्षेत्रों के रूप में इस लिए उभर रहे हैं क्योंकि इन शहरों में व्यवसाय को चलाने में आने वाली लागत, बंगलोर जैसे शहरों की तुलना में 15-20 प्रतिशत कम है | इसका प्रमुख कारण इन शहरों में अचल संपत्ति मूल्य और मजदूरी का कम होना है |
-- बी पी ओ क्षेत्र, समग्र अपतटीय बाजार में सर्वाधिक दर से बढ़ने वाला क्षेत्र है |
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IT BPO Banaglore Offshore
नैसकॉम-ए टी कीअरने के एक अध्ययन , के अनुसार, बंगलोर ने आई टी- बी पी ओ से सम्बंधित 50 भारतीय शहरों की सूची में प्रथम स्थान प्राप्त किया है |
मंगलोर इस सूची में दूसरे स्थान पर है |
हुबली-धारवाड़ को भविष्य के एक मजबूत आई टी-बी पी ओ शहर के रूप में चिन्हित किया गया है |
उद्योग के जानकारों के अनुसार:
--बंगलोर भविष्य में भी बढ़ता और अच्छा कार्य करता रहेगा |
-- तेजी से उभरते टियर II और III शहर आकर्षक क्षेत्रों के रूप में इस लिए उभर रहे हैं क्योंकि इन शहरों में व्यवसाय को चलाने में आने वाली लागत, बंगलोर जैसे शहरों की तुलना में 15-20 प्रतिशत कम है | इसका प्रमुख कारण इन शहरों में अचल संपत्ति मूल्य और मजदूरी का कम होना है |
-- बी पी ओ क्षेत्र, समग्र अपतटीय बाजार में सर्वाधिक दर से बढ़ने वाला क्षेत्र है |
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IT BPO Banaglore Offshore
Saturday, February 7, 2009
विडियो गेम का प्रकार और उसे खेलने की आवृत्ति खेलने वाले पर प्रभाव डालती है : एक अध्ययन
द्वारा अ बिष्ट
रॉयटर्स के एक समाचार के अनुसार, जिसमें एक अध्ययन को आधार बनाया गया है ,खेले गए विडियो गेम का प्रकार और उसको खेलने कि आवृत्ति (उसे हम ज्यादा खेलते हैं या कम), खेलने वाले पर सीधा असर डालती है |
अध्ययन के मुख्य विवरण और नतीजे:
अध्ययन में शोधकर्त्ताओं ने अमरीका के विभिन्न कालेजों के ५०० महिला और ३१३ पुरूष स्नातक विद्यार्थियों के पिछले १२ महीनों के दौरान खेले गए विडियो गेम के प्रकार और आवृत्ति, एंव इन्टरनेट उपयोग कि जांच की |
नतीजे:
---अध्यन में पाया गया कि विडियो गेम और इन्टरनेट उपयोग के मामले में महिला एंव पुरुषों के बीच जमीन आसमान का अन्तर है |
-- महिलाओं कि तुलना में पुरुषों की विडियो गेम खेलने की आवृत्ति तीन गुना है | सरल भाषा में यदि एक महिला एक दिन में १ बार गेम खेलती है, वहीं एक पुरूष एक दिन में तीन बार गेम खेलता है |
-- महिलाओं कि तुलना में पुरुषों की हिंसक विडियो गेम्स को खेलने की आवृत्ति आठ गुना है |
-- अधिकांशतः यह पाया गया की पुरुष इन्टरनेट का उपयोग मनोरंजन, दैनिक मुख्य समाचार जानने, और अश्लील साहित्य को देखने के लिए करते हैं; वहीं महिलाएं इन्टरनेट का उपयोग ईमेल और अपने अध्ययन सम्बन्धी कार्य के लिए करती हैं |
नतीजे जो स्त्री- पुरुष के लिए सामान रहे:
-- गेमिंग आवृत्ति और अक्सर मदिरा और मादक पदार्थों के सेवन की आवृत्ति में सीधा सम्बन्ध पाया गया | सरल भाषा में जो व्यक्ति अक्सर विडियो गेम खेलते थे वे अक्सर मादक पदार्थों का सेवन भी करते थे |
--अधिक गेमिंग आवृत्ति और व्यक्तिगत संबंधों के कम गुणवत्ता के बीच भी सीधा सम्बन्ध पाया गया | जो अक्सर विडियो गेम खेल रहे थे उनके व्यक्तिगत संबंधों में कम गुणवत्ता देखने को मिली |
--हिंसक विडियो गेम्स को खेलने की आवृत्ति में वृद्धि का अर्थ अनैतिकता में वृद्धि और व्यक्तिगत संबंधों में कम गुणवत्ता के रूप में देखने को मिला |
--अध्यन ने पाया कि चैटिंग, खरीदारी, मनोरंजन, एंव अश्लील साहित्य से सम्बंधित ऑनलाइन क्रियाओं जहाँ उपरोक्त ग़लत स्वभाव एंव निराशाजनक नतीजों को जन्म देती हैं वहीं अध्ययन के लिए इन्टरनेट का प्रयोग और ई मेल चेक करना जैसी क्रियाएं सकारात्मकता का मार्ग प्रशस्त करती हैं |
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marketing internet video games behaviour gaming
रॉयटर्स के एक समाचार के अनुसार, जिसमें एक अध्ययन को आधार बनाया गया है ,खेले गए विडियो गेम का प्रकार और उसको खेलने कि आवृत्ति (उसे हम ज्यादा खेलते हैं या कम), खेलने वाले पर सीधा असर डालती है |
अध्ययन के मुख्य विवरण और नतीजे:
अध्ययन में शोधकर्त्ताओं ने अमरीका के विभिन्न कालेजों के ५०० महिला और ३१३ पुरूष स्नातक विद्यार्थियों के पिछले १२ महीनों के दौरान खेले गए विडियो गेम के प्रकार और आवृत्ति, एंव इन्टरनेट उपयोग कि जांच की |
नतीजे:
---अध्यन में पाया गया कि विडियो गेम और इन्टरनेट उपयोग के मामले में महिला एंव पुरुषों के बीच जमीन आसमान का अन्तर है |
-- महिलाओं कि तुलना में पुरुषों की विडियो गेम खेलने की आवृत्ति तीन गुना है | सरल भाषा में यदि एक महिला एक दिन में १ बार गेम खेलती है, वहीं एक पुरूष एक दिन में तीन बार गेम खेलता है |
-- महिलाओं कि तुलना में पुरुषों की हिंसक विडियो गेम्स को खेलने की आवृत्ति आठ गुना है |
-- अधिकांशतः यह पाया गया की पुरुष इन्टरनेट का उपयोग मनोरंजन, दैनिक मुख्य समाचार जानने, और अश्लील साहित्य को देखने के लिए करते हैं; वहीं महिलाएं इन्टरनेट का उपयोग ईमेल और अपने अध्ययन सम्बन्धी कार्य के लिए करती हैं |
नतीजे जो स्त्री- पुरुष के लिए सामान रहे:
-- गेमिंग आवृत्ति और अक्सर मदिरा और मादक पदार्थों के सेवन की आवृत्ति में सीधा सम्बन्ध पाया गया | सरल भाषा में जो व्यक्ति अक्सर विडियो गेम खेलते थे वे अक्सर मादक पदार्थों का सेवन भी करते थे |
--अधिक गेमिंग आवृत्ति और व्यक्तिगत संबंधों के कम गुणवत्ता के बीच भी सीधा सम्बन्ध पाया गया | जो अक्सर विडियो गेम खेल रहे थे उनके व्यक्तिगत संबंधों में कम गुणवत्ता देखने को मिली |
--हिंसक विडियो गेम्स को खेलने की आवृत्ति में वृद्धि का अर्थ अनैतिकता में वृद्धि और व्यक्तिगत संबंधों में कम गुणवत्ता के रूप में देखने को मिला |
--अध्यन ने पाया कि चैटिंग, खरीदारी, मनोरंजन, एंव अश्लील साहित्य से सम्बंधित ऑनलाइन क्रियाओं जहाँ उपरोक्त ग़लत स्वभाव एंव निराशाजनक नतीजों को जन्म देती हैं वहीं अध्ययन के लिए इन्टरनेट का प्रयोग और ई मेल चेक करना जैसी क्रियाएं सकारात्मकता का मार्ग प्रशस्त करती हैं |
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Thursday, February 5, 2009
कंप्यूटर प्रोसेसर का चुनाव कैसे करें
द्वारा अ बिष्ट
जब आप कोई मोबाइल खरीदते हैं तो उसमें क्या खूबियाँ देखते हैं ?
एक बात तो पक्की है आप मोबाइल की प्रोसेसिंग स्पीड (मोबाइल कितना तेज चलता है) को तो शायद ही अपने चुनाव का आधार बनाते हैं | आप मोबाइल की कनेक्टिविटी और ग्राफिक्स को सर्वाधिक तरजीह देते हैं |
परन्तु जब आप कंप्यूटर खरीदते हैं तो आप प्रोसेसिंग स्पीड को सर्वाधिक तरजीह देते हैं, और इसको अपने चुनाव का आधार भी बनाते हैं | आप ऐसे प्रोसेसर का चुनाव करते हैं जो न केवल तेज हो बल्कि आपके बजट के अंतर्गत खरीदा जा सकने वाला सर्वाधिक गति वाला हो |
यह सही है की कंप्यूटर के लिए गति महत्त्वपूर्ण है, पर प्रश्न है की कितनी गति पर्याप्त है |
इसके अतिरिक्त क्या एक कंप्यूटर में उन्नत कनेक्टिविटी और ग्राफिक्स महत्त्वपूर्ण नहीं हैं |
आज बाजार में मौजूद अधिकाश प्रोसेसर, एक सामान्य कंप्यूटर उपयोगकर्त्ता की आवश्यकताओं को देखते हुए काफ़ी तेज हैं | सरल भाषा में उनसे कहीं कम गति वाले प्रोसेसर एक सामान्य उपयोगकर्त्ता के लिए पर्याप्त है |
अब होता यह है, कि गति की इस होड़ में, अधिकाँश उपभोक्ता एक ऐसे प्रोसेसर के लिए धन व्यय करते हैं जो उन्हें गति तो देता हैं परन्तु अन्य गुणों(उन्नत कनेक्टिविटी और ग्राफिक्स) में पिछड़ जाता है |
लेकिन क्योंकि एक सामान्य उपयोगकर्त्ता कंप्यूटर को मूल कंप्यूटिंग क्रियाओं से अधिक मनोरंजन आदि क्रियाओं के लिए उपयोग करता है अतः गति की यह होड़ उसके कंप्यूटर अनुभव को सीमित करती है |
कंप्यूटर चिपमेकर इंटेल इस दिशा में योजना बना रहा है | गति प्रधान चिप्स के स्थान पर, उसकी योजना एक सर्वगुण संपन्न प्रोसेसर बनाने की रहेगी | इससे वह न केवल बदलते समय के अनुरूप अपने उत्त्पादों को ढाल पायेगा अपितु तेजी से फैलते मोबाइल बाज़ार में भी अपनी पैठ बना पायेगा |
निष्कर्ष:
अति विशिष्ठ कार्यों को छोड़ दिया जाए, तो सामान्य उपयोगकर्ता और व्यवसाय के लिए आज से दस वर्ष पुराना प्रोसेसर भी पर्याप्त है | आप का मस्तिष्क जितनी गति से सोचता है, दस वर्ष पुराना प्रोसेसर भी उससे कहीं अधिक तीव्रता से कार्य करता है | एक उन्नत कंप्यूटर अनुभव के लिए उन्नत ग्राफिक्स और कनेक्टिविटी भी उतनी ही आवश्यक हैं | अतः कंप्यूटर खरीदते समय न केवल प्रोसेसर गति को प्राथमिकता दें अपितु अन्य गुणों की और भी ध्यान दें |
एक मध्य मार्ग का अनुसरण करें |
याद रखिये आज के मोबाइल, कल के कम्प्यूटरों का बाल रूप हैं | अतः जिन मापदंडों के आधार पर आप एक मोबाइल का चुनाव करते हैं उन्ही मापदंडों को एक नया कंप्यूटर खरीदते समय भी चुनाव का आधार बनाएं |
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processor intel computer personal speed hertz mobile graphics
जब आप कोई मोबाइल खरीदते हैं तो उसमें क्या खूबियाँ देखते हैं ?
एक बात तो पक्की है आप मोबाइल की प्रोसेसिंग स्पीड (मोबाइल कितना तेज चलता है) को तो शायद ही अपने चुनाव का आधार बनाते हैं | आप मोबाइल की कनेक्टिविटी और ग्राफिक्स को सर्वाधिक तरजीह देते हैं |
परन्तु जब आप कंप्यूटर खरीदते हैं तो आप प्रोसेसिंग स्पीड को सर्वाधिक तरजीह देते हैं, और इसको अपने चुनाव का आधार भी बनाते हैं | आप ऐसे प्रोसेसर का चुनाव करते हैं जो न केवल तेज हो बल्कि आपके बजट के अंतर्गत खरीदा जा सकने वाला सर्वाधिक गति वाला हो |
यह सही है की कंप्यूटर के लिए गति महत्त्वपूर्ण है, पर प्रश्न है की कितनी गति पर्याप्त है |
इसके अतिरिक्त क्या एक कंप्यूटर में उन्नत कनेक्टिविटी और ग्राफिक्स महत्त्वपूर्ण नहीं हैं |
आज बाजार में मौजूद अधिकाश प्रोसेसर, एक सामान्य कंप्यूटर उपयोगकर्त्ता की आवश्यकताओं को देखते हुए काफ़ी तेज हैं | सरल भाषा में उनसे कहीं कम गति वाले प्रोसेसर एक सामान्य उपयोगकर्त्ता के लिए पर्याप्त है |
अब होता यह है, कि गति की इस होड़ में, अधिकाँश उपभोक्ता एक ऐसे प्रोसेसर के लिए धन व्यय करते हैं जो उन्हें गति तो देता हैं परन्तु अन्य गुणों(उन्नत कनेक्टिविटी और ग्राफिक्स) में पिछड़ जाता है |
लेकिन क्योंकि एक सामान्य उपयोगकर्त्ता कंप्यूटर को मूल कंप्यूटिंग क्रियाओं से अधिक मनोरंजन आदि क्रियाओं के लिए उपयोग करता है अतः गति की यह होड़ उसके कंप्यूटर अनुभव को सीमित करती है |
कंप्यूटर चिपमेकर इंटेल इस दिशा में योजना बना रहा है | गति प्रधान चिप्स के स्थान पर, उसकी योजना एक सर्वगुण संपन्न प्रोसेसर बनाने की रहेगी | इससे वह न केवल बदलते समय के अनुरूप अपने उत्त्पादों को ढाल पायेगा अपितु तेजी से फैलते मोबाइल बाज़ार में भी अपनी पैठ बना पायेगा |
निष्कर्ष:
अति विशिष्ठ कार्यों को छोड़ दिया जाए, तो सामान्य उपयोगकर्ता और व्यवसाय के लिए आज से दस वर्ष पुराना प्रोसेसर भी पर्याप्त है | आप का मस्तिष्क जितनी गति से सोचता है, दस वर्ष पुराना प्रोसेसर भी उससे कहीं अधिक तीव्रता से कार्य करता है | एक उन्नत कंप्यूटर अनुभव के लिए उन्नत ग्राफिक्स और कनेक्टिविटी भी उतनी ही आवश्यक हैं | अतः कंप्यूटर खरीदते समय न केवल प्रोसेसर गति को प्राथमिकता दें अपितु अन्य गुणों की और भी ध्यान दें |
एक मध्य मार्ग का अनुसरण करें |
याद रखिये आज के मोबाइल, कल के कम्प्यूटरों का बाल रूप हैं | अतः जिन मापदंडों के आधार पर आप एक मोबाइल का चुनाव करते हैं उन्ही मापदंडों को एक नया कंप्यूटर खरीदते समय भी चुनाव का आधार बनाएं |
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processor intel computer personal speed hertz mobile graphics
Wednesday, February 4, 2009
सामाजिक नेट्वर्किंग साइट्स में यौन अपराधियों की उपस्थिति है
द्वारा अ बिष्ट
रॉयटर्स की एक ख़बर, के अनुसार, सामाजिक नेट्वर्किंग साईट माय स्पेस ने अपनी साईट पर पिछले दो वर्षों में लगभग 90,000 यौन अपराधियों की पहचान की और उन्हें साईट से बहार किया |
माय स्पेस ने यौन अपराधियों की पहचान कैसे की:
दो वर्ष पहले माय स्पेस ने पार्श्व सत्यापन(विभिन्न व्यक्ति समूहों का ब्यौरा रखने वाली फर्म ) फर्म सेंटिनल सेफ टेक होल्डिंग्स को यौन अपराधियों की राष्ट्रीय सूची बनाने के लिए नियुक्त किया |
सेंटिनल यौन अपराधियों का राष्ट्रीय स्तर का डेटाबेस संचालित करता है जिसमें यौन अपराधियों के 120 तक पहचान विवरण जैसे नाम, पता, चोट के निशान, टैटू निशान आदि दर्ज होते हैं |
अतः माय स्पेस की इच्छा और सेंटिनल की बेहतर प्रौद्योगोकी ने यौन अपराधियों की पहचान एंव उन पर पाबन्दी को सम्भव बनाया |
इसके अतिरिक्त सरकार ने भी यह तय किया कि माय स्पेस कि जनता के प्रति जवाबदारी बनी रहे | इस सन्दर्भ में, सरकार ने माय स्पेस को न्यायलय के सम्मुख गवाही देने को कहा |
सरकार के इस आदेश से पहले, माय स्पेस ने अपने नेटवर्क पर मौजूद यौन अपराधियों कि संख्या को कम बताई थी | लगभग 45,000 | अतः सरकार की सक्रियता ने सत्य को उजागर किया |
यही नहीं, सरकार अब यह भी पक्का करेगी की माय स्पेस ने पहचान किए अपराधियों को बाहर किया या नहीं |
सरकार ने इसी प्रकार का लिखित आदेश फेस बुक(एक अन्य सामाजिक नेट्वर्किंग साईट) को भी दिया है |
अतः माय स्पेस की इच्छा शक्ति + सेंटिनल की बेहतर प्रौद्योगिकी + सरकार की सक्रियता ने वेब पर सामाजिक नेट्वर्किंग को कुछ सुरक्षित बनाया |
इस विषय को महत्त्वहीन न समझें:
खतरा तब और भी अधिक बढ़ जाता है जब इस बात पर ध्यान दिया जाए की कई अवयस्क (बच्चे) भी सामाजिक नेट्वर्किंग साइट्स का प्रयोग करते हैं | अतः सामाजिक नेट्वर्किंग साइट्स पर यौन अपराधी एक वास्तविक खतरा हैं |
माता पिता अपने अवयस्क बच्चो को इस सम्बन्ध में बताएं और उनका मार्गदर्शन करें |
कुछ तथ्य:
माय स्पेस का स्वामित्त्व न्यूज़ कॉर्प के पास है |
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Facebook Myspace Technology Social Networking
रॉयटर्स की एक ख़बर, के अनुसार, सामाजिक नेट्वर्किंग साईट माय स्पेस ने अपनी साईट पर पिछले दो वर्षों में लगभग 90,000 यौन अपराधियों की पहचान की और उन्हें साईट से बहार किया |
माय स्पेस ने यौन अपराधियों की पहचान कैसे की:
दो वर्ष पहले माय स्पेस ने पार्श्व सत्यापन(विभिन्न व्यक्ति समूहों का ब्यौरा रखने वाली फर्म ) फर्म सेंटिनल सेफ टेक होल्डिंग्स को यौन अपराधियों की राष्ट्रीय सूची बनाने के लिए नियुक्त किया |
सेंटिनल यौन अपराधियों का राष्ट्रीय स्तर का डेटाबेस संचालित करता है जिसमें यौन अपराधियों के 120 तक पहचान विवरण जैसे नाम, पता, चोट के निशान, टैटू निशान आदि दर्ज होते हैं |
अतः माय स्पेस की इच्छा और सेंटिनल की बेहतर प्रौद्योगोकी ने यौन अपराधियों की पहचान एंव उन पर पाबन्दी को सम्भव बनाया |
इसके अतिरिक्त सरकार ने भी यह तय किया कि माय स्पेस कि जनता के प्रति जवाबदारी बनी रहे | इस सन्दर्भ में, सरकार ने माय स्पेस को न्यायलय के सम्मुख गवाही देने को कहा |
सरकार के इस आदेश से पहले, माय स्पेस ने अपने नेटवर्क पर मौजूद यौन अपराधियों कि संख्या को कम बताई थी | लगभग 45,000 | अतः सरकार की सक्रियता ने सत्य को उजागर किया |
यही नहीं, सरकार अब यह भी पक्का करेगी की माय स्पेस ने पहचान किए अपराधियों को बाहर किया या नहीं |
सरकार ने इसी प्रकार का लिखित आदेश फेस बुक(एक अन्य सामाजिक नेट्वर्किंग साईट) को भी दिया है |
अतः माय स्पेस की इच्छा शक्ति + सेंटिनल की बेहतर प्रौद्योगिकी + सरकार की सक्रियता ने वेब पर सामाजिक नेट्वर्किंग को कुछ सुरक्षित बनाया |
इस विषय को महत्त्वहीन न समझें:
खतरा तब और भी अधिक बढ़ जाता है जब इस बात पर ध्यान दिया जाए की कई अवयस्क (बच्चे) भी सामाजिक नेट्वर्किंग साइट्स का प्रयोग करते हैं | अतः सामाजिक नेट्वर्किंग साइट्स पर यौन अपराधी एक वास्तविक खतरा हैं |
माता पिता अपने अवयस्क बच्चो को इस सम्बन्ध में बताएं और उनका मार्गदर्शन करें |
कुछ तथ्य:
माय स्पेस का स्वामित्त्व न्यूज़ कॉर्प के पास है |
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Facebook Myspace Technology Social Networking
कितना लोकप्रिय है 'गूगल अर्थ'
द्वारा अ बिष्ट
जून 2005 में अपने लॉन्च(शुरुआत) से अब तक, 'गूगल अर्थ' को 40 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया गया है | यह संख्या इसलिए और भी रोचक हो जाती है क्योंकि इस सेवा का समय समय पर कई देश सुरक्षा कारणों से विरोध कर चुके हैं |
गूगल अर्थ को डाउनलोड करने हेतु यहाँ क्लिक करें |
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Google Earth downloads
जून 2005 में अपने लॉन्च(शुरुआत) से अब तक, 'गूगल अर्थ' को 40 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया गया है | यह संख्या इसलिए और भी रोचक हो जाती है क्योंकि इस सेवा का समय समय पर कई देश सुरक्षा कारणों से विरोध कर चुके हैं |
गूगल अर्थ को डाउनलोड करने हेतु यहाँ क्लिक करें |
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Google Earth downloads
सर्वव्यापी गूगल अब महासागरों के भीतर भी झांकेगा
द्वारा अ बिष्ट
सोमवार को गूगल ने महासागरों की गहराइयों में भी पदार्पण कर लिया | 'ओसीन इन गूगल अर्थ' नामक यह सेवा उपयोगकर्त्ताओं को महासागरों में आभासीय डुबकी लगा कर उनके अन्दर की तीन आयामी दुनिया दिखाएगी | सागर के भीतर की यह दुनिया विभिन्न शोधकर्त्ताओं द्वारा दर्ज किए हुए वास्तविक चलचित्रों आदि से बनाई गई है | इसके अतिरिक्त किसी रोचक जंतु को अपने बगल से गुजरता देख जब कोई उपयोगकर्त्ता उस पर क्लिक करेगा तो उस जंतु से सम्बंधित सटीक जानकारी भी पायेगा |
महासागरों के भीतर की दुनिया देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
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Google Ocean in Google Earth 3 Dimensional
सोमवार को गूगल ने महासागरों की गहराइयों में भी पदार्पण कर लिया | 'ओसीन इन गूगल अर्थ' नामक यह सेवा उपयोगकर्त्ताओं को महासागरों में आभासीय डुबकी लगा कर उनके अन्दर की तीन आयामी दुनिया दिखाएगी | सागर के भीतर की यह दुनिया विभिन्न शोधकर्त्ताओं द्वारा दर्ज किए हुए वास्तविक चलचित्रों आदि से बनाई गई है | इसके अतिरिक्त किसी रोचक जंतु को अपने बगल से गुजरता देख जब कोई उपयोगकर्त्ता उस पर क्लिक करेगा तो उस जंतु से सम्बंधित सटीक जानकारी भी पायेगा |
महासागरों के भीतर की दुनिया देखने के लिए यहाँ क्लिक करें |
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Google Ocean in Google Earth 3 Dimensional
Tuesday, February 3, 2009
पुरुष इन्टरनेट पर महिलाओं से अधिक समय व्यतीत करते हैं : अध्ययन
द्वारा अ बिष्ट
द यू के मेन ऑनलाइन के एक अध्ययन के अनुसार, जो यहाँ पाया जा सकता है ;
'यू के' के पुरुष देश की महिलाओं की तुलना में इन्टरनेट पर ज्यादा समय बिताते हैं |
ऑनलाइन जनसँख्या के आधार पर, महिला एंव पुरुष जनसँख्या लगभग बराबर ही है, बस महिलाऐं थोडी ही पीछे हैं | परन्तु महिलाऐं अवश्य ही पुरुष वर्चस्व को चुनौती दे रही हैं |
वर्ष 2013 तक के प्रक्षेपण इस ओर संकेत करते हें | परन्तु क्योंकि वर्ष 2013 तक ऑनलाइन यू के पुरुष जनसँख्या बढ़कर 2.2 करोड़ (50.5%) हो जायेगी , अतः वर्ष 2013 तक बहुमत पुरुषों का ही रहेगा | वर्त्तमान में यह संख्या 2 करोड़ (51.1%) |
अध्ययन से प्राप्त कुछ प्रमुख तथ्य:
-- यू के के ऑनलाइन पुरुषों के लिए संचार (कम्युनिकेशंस), मनोरंजन और ई-कॉमर्स प्रमुख ऑनलाइन क्रियाएं हें | यह स्वभाव महिला इन्टरनेट उपयोगकर्त्ताओं से बिल्कुल भिन्न है |
-- ऑनलाइन खरीदारी करते समय जहाँ पुरुष सीधे जानी- मानी साइट्स (या जो उस उत्पाद के लिए सर्वश्रेष्ठ समझी जाती हैं) की ओर बढ़ते हें वहीं महिलाएं सीधे सर्च इन्जंस का रुख करती हैं |
इसका अर्थ यह हुआ की महिलाऐं (आशा के अनुसार) पहले विण्डो-शौपिंग करती हैं और फ़िर कम्पनी की लोकप्रियता को अधिक महत्त्व न देते हुए, ऐसा उत्पाद या सेवा चुनती हैं जो उनकी दृष्टि में सर्वश्रेष्ठ होता है |
-- इसके अतिरिक्त, महिलाओं की तुलना में पुरुष मोबाइल वेब का अधिक प्रयोग करते हैं | इससे यह अभिप्राय निकलता है कि महिलाऐं अभी भी मोबाइल उपकरणों (सेल फोन्स, पी डी एज और अन्य प्रयोग करते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने योग्य उपकरण ) को व्यक्तिगत स्पेस ही मानती हैं |
******यहाँ, मैं आपसे अपने कुछ यूमिंट सम्बन्धी अनुभव बांटता चाहूँगा | यूमिंट एक मुफ्त एसएमएस सेवा है | यूमिंट, पर अपनी डाउन लाइन का विश्लेषण कर मैंने पाया कि प्रत्येक 13 नए यूमिंट उपयोगकर्ताओं में से मात्र एक महिला है | अर्थात यूमिंट, जिसमें पंजीकरण करते समय, उपयोगकर्त्ता को अपना मोबाइल नम्बर जमा करना पड़ता है, मात्र 8 प्रतिशत महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित कर पाया | और वह भी तब जब यूमिंट रिव्यू लिखते हुए मैंने अपनी ओर से हर शंका का स्पष्टीकरण करने का प्रयास किया | रिव्यू यहाँ है |
एम जिन्ज़र नामक मुफ्त सेवा में भी मैंने यही अनुपात पाया |
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ऑनलाइन सर्वेक्षणों में अपनी राय व्यक्त कीजिये
द यू के मेन ऑनलाइन के एक अध्ययन के अनुसार, जो यहाँ पाया जा सकता है ;
'यू के' के पुरुष देश की महिलाओं की तुलना में इन्टरनेट पर ज्यादा समय बिताते हैं |
ऑनलाइन जनसँख्या के आधार पर, महिला एंव पुरुष जनसँख्या लगभग बराबर ही है, बस महिलाऐं थोडी ही पीछे हैं | परन्तु महिलाऐं अवश्य ही पुरुष वर्चस्व को चुनौती दे रही हैं |
वर्ष 2013 तक के प्रक्षेपण इस ओर संकेत करते हें | परन्तु क्योंकि वर्ष 2013 तक ऑनलाइन यू के पुरुष जनसँख्या बढ़कर 2.2 करोड़ (50.5%) हो जायेगी , अतः वर्ष 2013 तक बहुमत पुरुषों का ही रहेगा | वर्त्तमान में यह संख्या 2 करोड़ (51.1%) |
अध्ययन से प्राप्त कुछ प्रमुख तथ्य:
-- यू के के ऑनलाइन पुरुषों के लिए संचार (कम्युनिकेशंस), मनोरंजन और ई-कॉमर्स प्रमुख ऑनलाइन क्रियाएं हें | यह स्वभाव महिला इन्टरनेट उपयोगकर्त्ताओं से बिल्कुल भिन्न है |
-- ऑनलाइन खरीदारी करते समय जहाँ पुरुष सीधे जानी- मानी साइट्स (या जो उस उत्पाद के लिए सर्वश्रेष्ठ समझी जाती हैं) की ओर बढ़ते हें वहीं महिलाएं सीधे सर्च इन्जंस का रुख करती हैं |
इसका अर्थ यह हुआ की महिलाऐं (आशा के अनुसार) पहले विण्डो-शौपिंग करती हैं और फ़िर कम्पनी की लोकप्रियता को अधिक महत्त्व न देते हुए, ऐसा उत्पाद या सेवा चुनती हैं जो उनकी दृष्टि में सर्वश्रेष्ठ होता है |
-- इसके अतिरिक्त, महिलाओं की तुलना में पुरुष मोबाइल वेब का अधिक प्रयोग करते हैं | इससे यह अभिप्राय निकलता है कि महिलाऐं अभी भी मोबाइल उपकरणों (सेल फोन्स, पी डी एज और अन्य प्रयोग करते हुए एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने योग्य उपकरण ) को व्यक्तिगत स्पेस ही मानती हैं |
******यहाँ, मैं आपसे अपने कुछ यूमिंट सम्बन्धी अनुभव बांटता चाहूँगा | यूमिंट एक मुफ्त एसएमएस सेवा है | यूमिंट, पर अपनी डाउन लाइन का विश्लेषण कर मैंने पाया कि प्रत्येक 13 नए यूमिंट उपयोगकर्ताओं में से मात्र एक महिला है | अर्थात यूमिंट, जिसमें पंजीकरण करते समय, उपयोगकर्त्ता को अपना मोबाइल नम्बर जमा करना पड़ता है, मात्र 8 प्रतिशत महिलाओं को अपनी ओर आकर्षित कर पाया | और वह भी तब जब यूमिंट रिव्यू लिखते हुए मैंने अपनी ओर से हर शंका का स्पष्टीकरण करने का प्रयास किया | रिव्यू यहाँ है |
एम जिन्ज़र नामक मुफ्त सेवा में भी मैंने यही अनुपात पाया |
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ऑनलाइन सर्वेक्षणों में अपनी राय व्यक्त कीजिये
Monday, February 2, 2009
इन्टरनेट उपयोग करने हेतु उपयोग में लाये जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम्स की वैश्विक वरीयता
द्वारा अ बिष्ट
एक ख़बर के अनुसार, जिसमें वेब को मापने वाली कंपनी नेट एप्लीकेशंस के अध्ययन को आधार बनाया गया है; इन्टरनेट उपयोग करने हेतु उपयोग में लाये जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम्स की वैश्विक वरीयता(रैन्किंग्स):
विन्डोज़:________________________88.26 प्रतिशत
मेक:__________________________9.93 प्रतिशत
लिनक्स: _______________________0.83 प्रतिशत
आई फोन: ______________________0.48 प्रतिशत
प्लेस्टेशन : _____________________0.04 प्रतिशत
सन ओ एस :____________________0.01 प्रतिशत
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ऑनलाइन सर्वेक्षणों में अपनी राय व्यक्त कीजिये
एक ख़बर के अनुसार, जिसमें वेब को मापने वाली कंपनी नेट एप्लीकेशंस के अध्ययन को आधार बनाया गया है; इन्टरनेट उपयोग करने हेतु उपयोग में लाये जाने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम्स की वैश्विक वरीयता(रैन्किंग्स):
विन्डोज़:________________________88.26 प्रतिशत
मेक:__________________________9.93 प्रतिशत
लिनक्स: _______________________0.83 प्रतिशत
आई फोन: ______________________0.48 प्रतिशत
प्लेस्टेशन : _____________________0.04 प्रतिशत
सन ओ एस :____________________0.01 प्रतिशत
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ऑनलाइन सर्वेक्षणों में अपनी राय व्यक्त कीजिये
Sunday, February 1, 2009
कितना विशाल एंव महत्त्वपूर्ण है गूगल !
द्वारा अ बिष्ट
गूगल – वेब का सर्वाधिक लोकप्रिय सर्च इंजन है | विश्व के लगभग 63 प्रतिशत इंटरनेट उपयोगकर्त्ता गूगल प्रयोग करते हैं |
गूगल के वैश्विक प्रभाव का पता इस बात से ही लग जाता है की 31 जनवरी 2009 को गूगल के 55 मिनट तक कार्य न कर पाने के कारण न केवल सामान्य नेट उपयोगकर्त्ताओं को अपितु विश्व के कई देशों के सरकारी महकमों को भी समस्या का सामना करना पड़ा |
मिसाल के लिए इसे ही लीजिये | यू के में 31 जनवरी कर भुगतान की आखिरी तिथि थी | 55 मिनट के गूगल व्यवधान के कारण ऐसे हजारों कर भुगतानकर्त्ताओं को समस्या हुई जो देश की कर वेबसाइट तक पहुँचने के लिए गूगल का प्रयोग करते है | रविवार तक लगभग 50 लाख व्यक्तियों ने कर का भुगतान नहीं किया है |
कुछ रोचक तथ्य:
गूगल ने पिछले वर्ष के केवल अगस्त माह में ही लगभग 7.6 बिलियन या 760 करोड़ खोजें (सर्च क्वेरीस) दर्ज की |
अन्य सर्च इन्जंस:
ऑल द वेब
याहू
लाइव
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ऑनलाइन सर्वेक्षणों में अपनी राय व्यक्त कीजिये
गूगल – वेब का सर्वाधिक लोकप्रिय सर्च इंजन है | विश्व के लगभग 63 प्रतिशत इंटरनेट उपयोगकर्त्ता गूगल प्रयोग करते हैं |
गूगल के वैश्विक प्रभाव का पता इस बात से ही लग जाता है की 31 जनवरी 2009 को गूगल के 55 मिनट तक कार्य न कर पाने के कारण न केवल सामान्य नेट उपयोगकर्त्ताओं को अपितु विश्व के कई देशों के सरकारी महकमों को भी समस्या का सामना करना पड़ा |
मिसाल के लिए इसे ही लीजिये | यू के में 31 जनवरी कर भुगतान की आखिरी तिथि थी | 55 मिनट के गूगल व्यवधान के कारण ऐसे हजारों कर भुगतानकर्त्ताओं को समस्या हुई जो देश की कर वेबसाइट तक पहुँचने के लिए गूगल का प्रयोग करते है | रविवार तक लगभग 50 लाख व्यक्तियों ने कर का भुगतान नहीं किया है |
कुछ रोचक तथ्य:
गूगल ने पिछले वर्ष के केवल अगस्त माह में ही लगभग 7.6 बिलियन या 760 करोड़ खोजें (सर्च क्वेरीस) दर्ज की |
अन्य सर्च इन्जंस:
ऑल द वेब
याहू
लाइव
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ऑनलाइन सर्वेक्षणों में अपनी राय व्यक्त कीजिये
अमेरिकियों का नौकरियां खोना जारी
द्वारा अ बिष्ट
बीते सोमवार 55,000 से अधिक अमेरीकियों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा | कैटरपिलर, स्प्रिंट, होम डिपो कंपनियों की इसमें अहम् भूमिका रही, जिन्होंने हजारों की संख्या में कामगारों को नौकरी से निकाला |
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बीते सोमवार 55,000 से अधिक अमेरीकियों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा | कैटरपिलर, स्प्रिंट, होम डिपो कंपनियों की इसमें अहम् भूमिका रही, जिन्होंने हजारों की संख्या में कामगारों को नौकरी से निकाला |
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तीसरी तिमाही के बीच इन्फोसिस ने करीब 1800 व्यक्तियों को नौकरी से निकाला
द्वारा अ बिष्ट
वित्त वर्ष 2008-09 की तीसरी तिमाही (सितम्बर 2008 से दिसम्बर 2008) के बीच इन्फोसिस ने करीब 1800 व्यक्तियों को नौकरी से निकाला | इस्फोसिस के कुल कामगारों का यह 1.5 प्रतिशत है |
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