प्रिय मित्रों,
लौकर्ज़ लेख के प्रति आपके उत्त्साह को देखकर, अच्छा लगा | जीवन में उत्त्साह नहीं तो कुछ नहीं | यद्यपि मैं आपके द्वारा दिए गए ईमेल पर आमंत्रण भेज रहा हूँ; परन्तु पिचले कुछ दिनों से लौकर्ज़ पर आगंतुकों के आवागमन की अधिकता के कारण कुछ आमंत्रण अभी भी लौकर्ज़ पेटी में ही हैं | प्रतीक्षा करें , आपका निमंत्रण पत्र जल्द ही आप तक पहुंचेगा |
रोचक अवधारणाओं के लिए आपका उत्त्साह सराहनीय है | जीवन में उत्त्साह नहीं तो कुछ नहीं |
शुभेच्छु
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1 comments:
aapka bhi dhanyavaad
http//jyotishkishore.blogspot.com
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