ऑर्कुट जनसँख्या आंकड़े 2009 के अनुसार, ऑर्कुट पर भारतीयों की कुल संख्या 21 लाख 76 हज़ार है । इस आधार पर , विभिन्न आयु वर्ग के भारतीयों की ऑरकुट पर उपस्थिति (संख्या में) इस प्रकार है :
18-25 | ||
26-30 | ||
31-35 | ||
36-40 | ||
41-50 | ||
50+ |
मेरे एक मित्र ने मुझे कहा कि अपनी रचनाओं में पूर्ण समर्पण एंव परिश्रम लगाने के बाद भी उनके ब्लॉग में पाठकों कि संख्या अभी भी कम है । ऐसा नहीं कि उनकी रचनाओं में गुणवत्ता का अभाव है । उनके अधिकांश पाठक उनकी रचनाओं कि प्रशंसा करते नहीं थकते ।
तो कम पाठक संख्या होने का कारण क्या है?
जब मैंने उनकी समस्या पर गौर किया, तो मैंने पाया कि उनकी अधिकाँश रचनायें एक बहुत सीमित आयु वर्ग के पाठकों पर केन्द्रित हैं । इसके अतिरिक्त जिस विषय पर उनका ब्लॉग है, उस विषय के अधिकाँश पाठक अभी भी इन्टरनेट पर स्थानंतरित नहीं हुए हैं । फलस्वरूप अपना शत प्रतिशत देने के बाद भी उन्हें वह सफलता नहीं मिल रही जिसके वे अधिकारी हैं ।
ब्लॉग लेखन एक व्यवसाय के समान है, आगे बढ़ने के लिए अपने उत्त्पाद/सेवा को जानने के साथ ही अपने उत्त्पाद/सेवा उपभोक्ता को जानना भी आवश्यक है । भले ही आज का लेख ऑरकुट पर केन्द्रित है , परन्तु इसमें दिए गए आंकड़े मोटे तौर पर सम्पूर्ण इन्टरनेट का प्रतिनिधित्त्व करते हैं । अतः किसी भी ब्लोगर के लिए 18-25 आयु वर्ग को अनदेखा करना ठीक नहीं । विशवास कीजिये यही वह समूह है जिसका इन्टरनेट पर राज है ।
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2 comments:
बहुत अच्छा सुझाव! १८-२५ आयुवर्ग के व्यक्तियों में कौन-कौन से विषय अधिक पसंद किये जाते हैं? कृपया प्रकाश डालने का कष्ट करें। धन्यवाद!
@ अनिल
आने वाले दिनों में इस विषय पर लेख प्रकाशित करने का प्रयास करेंगे । फिलहाल एक बात तो कही ही जा सकती है, ऐसा कोई विषय नहीं है जिसे यह आयु वर्ग अपना नहीं सकता । उदाहरणार्थ , कई १८-२४ आयु वर्ग के व्यक्ति प्रेमचंद का साहित्य पढ़ चुके हैं ।
अतः कुंजी, इस आयु वर्ग की उपस्थिति को स्वीकार करना है ।
आपने अपनी प्रतिक्रिया से हमें अवगत कराया. इसके लिए मैं आपका आभारी हूँ । भविष्य में भी हमारा मार्गदर्शन करते रहिये ।
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