द्वारा अ बिष्ट
कुछ वर्ष पूर्व मैं भी कम्प्यूटर पर नया था । परन्तु आज ऐसा नहीं है । समय बढ़ने के साथ ही, आप भी कम्प्यूटर विशारद बन जायेंगे । और आज जो विषय क्लिष्ट प्रतीत होते हैं , तब वे सरल प्रतीत होने लगेंगे ।
मैंने कुछ व्यक्तियों को अपने नए कम्प्यूटर के प्रति अति सजगता बरतते देखा है । यहाँ क्लिक करना ठीक होगा कि नहीं; इस फाइल को खोलने से मेरा कम्यूटर ख़राब तो नहीं हो जायेगा -- इस प्रकार के विचार उनके मस्तिष्क में सदैव चलते रहते हैं ।
फलस्वरूप उनकी कम्प्यूटर ज्ञान वृद्धि में व्यवधान आने लगते हैं ।
कम्प्यूटर से परिचय बढ़ाने का सर्वोत्तम तरीका , इसका निर्भय होकर उपयोग करना है । जिस प्रकार एक घुमक्कड़ व्यक्ति किसी नए शहर कि ख़ाक छानता है , कुछ उस तरह ।
आपका कम्प्यूटर ,आपकी कल्पना से कहीं अधिक कठोर यंत्र है, इसका निर्भय होकर प्रयोग करें, किसी भी फाइल को खोलकर देखें , कुछ यहाँ कुछ वहां क्लिक करें । ऐसा तब तक करें जब तक चप्पे चप्पे से परिचित न हो जाएँ ।
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