ऑरकुट जनसँख्या आंकडों के आधार पर, ऑरकुट पर ब्राज़ीलियों की संख्या सर्वाधिक है , भारतीय जो कि कुल ऑरकुट उपयोगकर्त्ताओं का लगभग सत्रह प्रतिशत हैं , तीसरे स्थान पर आते हैं ।
ऑरकुट के उपयोगकर्त्ताओं का राष्ट्रीयता के आधार पर बंटवारा:
ब्राजील | ||
यूनाइटेड स्टेट्स | ||
भारत | ||
पाकिस्तान | ||
अफगानिस्तान | ||
यूनाइटेड किंगडम | ||
जापान | ||
पारागुए | ||
पुर्तगाल | ||
ऑस्ट्रेलिया |
यह बात ध्यान देने योग्य है कि वर्ष 2005 के सितम्बर माह तक ब्राज़ीलियों कि ऑरकुट पर मौजूदगी 75 प्रतिशत थी । पिछले साधे तीन साल में ब्राज़ीलियों कि ऑरकुट पर मौजूदगी में लगभग 25 प्रतिशत अंकों कि कमी आई है । यदि सितम्बर 2005 कि स्थिति की आज से तुलना की जाय तो यह गिरावट लगभग 33 प्रतिशत कि है ।
भारतीयों का ऑरकुट पर प्रतिनिधित्त्व :
वर्ष 2005 के सितम्बर माह में ऑरकुट पर भारतीयों का प्रतिनिधित्त्व मात्र 1.86 प्रतिशत था , मोटे शब्दों में कहें तो लगभग दो प्रतिशत ।
वर्त्तमान में यह मौजूदगी 17 प्रतिशत के करीब है ।
सितम्बर 2005 को यदि आधार माना जाय तो पिछले साधे तीन सालों में भारतीयों का ऑरकुट प्रतिनिधित्त्व लगभग 750 प्रतिशत बढा है ।
वर्ष 2008 से अब तक , ऑरकुट पर भारतीयों की हिस्सेदारी मूलतः स्थिर रही है ।
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6 comments:
जब से औरकुट पर तस्वीरों पे ताला लगाने की सुविधा दी गयी है, तब से भारतीय औरकुट का साथ छोड़कर बाकी साइटों पर जा रहे हैं। सोचने वाली बात है।
सुरु में औरकुटीग करने अच्छा लगता है लेकिन बाद में ये उबाउ हो जाता है पिछले कई महीनों से मैने भी अपना औरकूट प्रोफाईल खोल कर नही देखा हू
कहीं आपका टास्क मैनेजर DISABLED तो नहीं ?पर आपकी राय ?
@ अनिल
आप का कहना सही है । सामाजिक नेट्वर्किंग साइट्स पर फोटोज और वीडिओज़ सर्वाधिक बांटी जाने वाली वस्तुएं हैं । इसके अतिरिक्त, जब से ऑरकुट समुदायों की व्यावसायिक महत्तता का आभास हुआ है , तब से आपत्तिजनक साहित्य में भी वृद्धि हुई है । फलस्वरूप ऑरकुट को ताला व्यवस्था प्रदान करनी पड़ी है ।
@ चन्दन चौहान
आप की ही तरह अधिकाँश सामाजिक नेट्वर्किंग उपयोगकर्त्ता , समय बीतने के साथ ही अपनी सामाजिक नेट्वर्किंग उपयोग आवृत्ति कमी का अनुभव करते हैं । इसका प्रमुख कारण , इन्टरनेट का तेजी से बदलता स्वरुप और आकर वृद्धि है । फलस्वरूप एक सामान्य उपयोगकर्त्ता का एक सामाजिक नेट्वर्किंग साईट पर बिताया गया समय , समय बीतने के साथ घटता है । जिस बिंदु पर यह समय नगण्य हो जाता है , ठीक उस समय उपयोगकर्त्ता इन्टरनेट पर किसी अन्य आकर्षण की और बढ़ जाता है ।
@ प्रवीण त्रिवेदी
आपका लेख पढ़ा, रोचक लगा । प्रतिक्रिया आपके ब्लॉग पर कुछ दिन पूर्व दे चूका हूँ ।
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