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Thursday, April 23, 2009

क्या है आपकी ऑरकुट उपस्थिति कि वजह

द्वारा बिष्ट

सामाजिक नेट्वर्किंग साइट्स पर एक प्रश्न अत्यंत महत्त्व का होता है । यह प्रश्न है -- आप यहाँ(उक्त सामाजिक नेटवर्क पर) पर किस कारण से मौजूद हैं । यद्यपि यह प्रश्न सामान्य प्रतीत होता है, परन्तु यह है अत्यं महत्त्वपूर्ण ।

इस प्रश्न की महत्ता से अच्छी तरह परिचित ऑरकुट भी अपने उपयोगकर्त्ताओं से इस प्रश्न के उत्तर की अपेक्षा करता है । ऑरकुट पूछता है -- 'यहाँ किस प्रयोजन से' या 'हेय फॉर' । जिसके उत्तर के रूप में उपयोगकर्त्ता चार विकल्पों में से एक विकल्प चुन सकता है ।

ऑरकुट जनसँख्या आंकडों के आधार पर, उक्त चार उत्तर विकल्पों का चुनाव उपयोगकर्त्ताओं ने इस प्रकार किया :

प्रश्न

उपयोगकर्त्ताओं का प्रतिशत
मित्रता
51.62
गतिविधि भागीदारी
15.96
व्यावसायिक मेलजोल या नेट्वर्किंग
15.43
डेटिंग (व्यक्तिगत मेलजोल)
17.13


यदि आपने इस श्रंखला के पूर्व प्रकाशित लेख पढ़े हैं, तो आप इस बात से अवगत होंगे कि 18-25 आयु वर्ग उपयोगकर्त्ता ऑरकुट पर बहुसंख्यक हैं । इनकी संख्या कुल ऑरकुट जनसँख्या का लगभग 55 प्रतिशत है ।

यदि आप गौर करें तो ऑरकुट पर, 'मित्रता' को अपनी ऑरकुट उपस्थिति की वजह चुनने वाले उपयोगकर्त्ताओं का प्रतिशत (51.62 प्रतिशत) भी उपरोक्त 55 प्रतिशत की संख्या के अत्यंत निकट है ।

इस निकटता का क्या अभिप्राय है ?

सरल बुद्धि से सोचें तो हम यह मान सकते हैं कि अन्य आयु वर्गों कि तुलना में 18-25 आयु वर्ग के उपयोगकर्त्ताओं कि मित्रता उत्तर विकल्प में हिस्सेदारी सर्वाधिक होगी ~ इसका आशय यह है , कि यद्यपि इस आयु वर्ग के उपयोगकर्त्ता ऑरकुट पर मित्रता के अतिरिक्त अन्य कारणों से भी ऑरकुट पर उपस्थित हैं, फिर भी वे अपनी उपस्थिति को मित्रता विकल्प कहना पसंद करते हैं ।

मेरी दृष्टि में यह चुनाव ही इस आयु वर्ग को सामाजिक नेटवर्क पर वर्चस्व प्रदान करता है । यह वर्ग यह जानता है कि मित्रता ही नेट पर सफल होने कि कुंजी है । आप नेट पर कुछ भी करें, मित्रता सफल बनने का एक मात्र माधयम है ।

कुछ अन्य ऑरकुट विचार अगले लेख में ।

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2 comments:

डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह said...

सही कहा भाई जी ,आर्कुट पर आपका विश्लेषण एकदम वास्तविक है ,धन्यवाद.
मै ब्लॉग्गिंग और कंप्यूटर पर एकदमनया हूँ ,आपकी सहायता की जरूरत है .
अन्तिविरुस डाले है आपके बताये हुए सीसी क्लीनर भी है .अब क्या जरूरत है बताइयेगा .
मेरा ईमेल बी .के .एस. रीवा @ जी मेल .कॉम है .कृपया उत्तर दीजियेगा
आपका मित्र
डॉ .भूपेन्द्र

Mr Bisht said...

डाक्टर साहब,

आपकी टिपण्णी पढ़ी, पढ़कर अच्छा लगा । आपका बहुत बहुत धन्यवाद ।

कुछ वर्ष पूर्व मैं भी कम्प्यूटर पर नया था । परन्तु आज ऐसा नहीं है । समय बढ़ने के साथ ही, आप भी कम्प्यूटर विशारद बन जायेंगे । और आज जो विषय क्लिष्ट प्रतीत होते हैं , तब वे सरल प्रतीत होने लगेंगे ।

आपकी ब्लोगिंग एंव कम्प्यूटर यात्रा मंगलमय हो, शुभकामनाएं ।


एंटी-वायरस एक जटिल मुद्दा है, इस पर विस्तार से चर्चा कि आवश्यकता है । फिलहाल, आप अपने एंटी-वायरस अनुभव से हमसे अवश्य बांटिएगा ।

कम्प्यूटर से परिचय बढ़ाने का सर्वोत्तम तरीका , इसका निर्भय होकर उपयोग करना है । जिस प्रकार एक घुमक्कड़ व्यक्ति किसी नए शहर कि ख़ाक छानता है , कुछ उस तरह ।

आपका कम्प्यूटर , एक अति कठोर यंत्र है, इसका निर्भय होकर प्रयोग करें, किसी भी फाइल खोलकर देखें , कुछ यहाँ कुछ वहां क्लिक करें । ऐसा तब तक करें जब तक चप्पे चप्पे से परिचित न हो जाएँ ।

शुभेच्छु ।